Thursday, April 29, 2010

आज देश को एक लौह पुरुष की दरकार है, किसी भले आदमी की नहीं !

पाकिस्तान के इस बयान का भले ही ज्यादा कुछ महत्व न हो , जिसमे उसने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी तो पाकिस्तान के साथ अच्छे सम्बन्ध बनाने के इच्छुक है, मगर कौंग्रेस पार्टी रोड़े अटका रही है ! पाकिस्तान क्या कह रहा है, उस बात को भले ही हमें ज्यादा अहमियत नहीं देनी चाहिए, मगर यह बात गौर करने लायक है कि उसके इस बयान के अन्दर सन्देश क्या छुपा है! इसे देश के लिए क्या समझे कि देश को प्रधानमंत्री के तौर पर मनमोहन सिंह जी जैसा "भला आदमी" मिला, जबकि आज देश को किसी भले आदमी की नहीं अपित किसी लौह पुरुष ( कृपया भूल से भी लौह पुरुष का आशय यहाँ पर आडवानी जी से न लें ) की जरुरत थी !यह बात किसी से छुपी नहीं कि देश में पिछले ५-७ सालों में भ्रष्टाचार, महंगाई और अराजकता ने अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले है, देश के किसी कोने में कहीं सुशासन नाम की कोई चीज नहीं रह गई ! यह स्थिति क्यों आती है ? साधारण सी बात है कि जब देश का नेतृत्व किसी भले आदमी के हाथों में हो, जो सिर्फ दिखावे के लिए देश की बजाय अपनी स्वच्छ छवि को ज्यादा अहमियत देता हो, तो निश्चित तौर पर फिर देश के लिए पैदा होता है शर्म-अल-शेख का शर्म, देश के लिए पैदा होती है, अमेरिका की कुटिल राजनीति! पैदा होती है देश के गृह और गुप्तचर विभागों की बेईमानी की समस्या ! पैदा होता है भ्रष्टाचार, पैदा होती है जमाखोरी और महंगाई ! पैदा होता है माओवाद और नक्सलवाद ! क्योंकि सत्ता पर एक भला आदमी जो काविज है, जो इन सब बुराइयों को रोकने की जिम्मेदारी अपने ऊपर नहीं लेना चाहता ! पाकिस्तान को कहीं से तो यह हिंट मिला होगा कि मनमोहन सिंह जी तो भले आदमी है, और वार्ता के पक्ष में है, मगर उनकी पार्टी यह नहीं चाहती !

14 comments:

  1. सीधी चोट,खरी बात,

    कुंवर जी,

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  2. आज देश को एक लौह पुरुष की दरकार है

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  3. साधारण सी बात है कि जब देश का नेतृत्व किसी भले आदमी के हाथों में हो, जो सिर्फ दिखावे के लिए देश की बजाय अपनी स्वच्छ छवि को ज्यादा अहमियत देता हो, तो निश्चित तौर पर फिर देश के लिए ......

    Irony....

    Such people are ruling the nation .

    आज देश को एक लौह पुरुष की दरकार है...

    arrey purush hi nahi yahan....loh-purush kahan milenge?

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  4. सही कहा आपने.... किसी भले आदमी की नहीं.... aggressive आदमी की ज़रूरत है....

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  5. नि:संदेह लौह पुरुष की ही जरुरत है।
    चरण चम्पी करने वालों ने देश का बेड़ा गर्क कर दिया।

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  6. ये कही सटीक और लठ्ठबरगी बात, बहुत शुभकामनाएं.

    रामराम

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  7. गोदियाल जी, बात तो आपकी बिल्कुल सही है लेकिन आज माहौल इतना गन्दा हो गया है कि अगर कोई पटेल या भगत सिंह आ भी जाए तो मुझे लगता है कि वो भी शायद इस खोखली और भ्रष्ट व्यवस्था के तले दब जायेगा. उदहारण के लिए आपको आज भी कई युवाओ में वो चिंगारी दिखेगी लेकिन जब उनके सपने चापलूसी, आरक्षण, सरकारी नौकरी के भेंट चढ़ते है तो वे लोग भी कुछ समय के संगर्ष के पश्च्यात इसी भ्रष्टाचार के रंग में रंग जाते है.

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  8. भावेश जी के कथन से पूरी तरह सहमत हूँ.
    इस समस्या का निदान शायद किसी के पास नहीं.

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  9. ऎसे भले आदमी का क्या लाभ जो देश का भला नही कर सकता, आज देश को लाल बहादुर शास्त्री जेसे भले आदमी की जरुरत है, जो एक बदले १० मारे

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  10. आज देश को एक लौह पुरुष की दरकार है...

    U R WRIGHT GODIYAL JI

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  11. न बुरा आदमी चाहिए न भला आदमी अच्छा लग रहा है। आखिर चाहते क्या हो गोदिलाला जी। क्या देश के लोग चाट के ठेले पर खड़े होकर गुपचुप खाते रहे। आजादी के बाद यह देश जिस ढंग से चल रहा है उसके बाद क्या आपको नहीं लगता कि देश को लौहपुरूष से ज्यादा समझदार आदमी की जरूरत हैं। आपके विचार बहुत साफ नहीं रहते इसलिए कोफ्त होती हैं। लौहपुरूष कहने मात्र से क्या होगा। हमें अच्छे-बुरे हालात का सामना करने वाले लोगों की आवश्यकता है।

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प्रश्न -चिन्ह ?

  पता नहीं , कब-कहां गुम हो  गया  जिंदगी का फ़लसफ़ा, न तो हम बावफ़ा ही बन पाए  और ना ही बेवफ़ा।