सर्वप्रथम सभी को, खासकर मुस्लिम बंधुओं को रमजान के पवित्र मास की हार्दिक मुबारकबाद ! मैं उपरोक्त विषय पर कुछ नहीं लिख रहा बस, नीचे एक फोटो और एक लिंक लगा रहा हूँ। और एक सवाल सभी बुद्धिजीवियों, खासकर मुस्लिम बुद्धिजीवियों से करना चाहूंगा कि निम्नांकित को देखने-पढने से आप क्या समझे ?
मोदी के 'रमजान मुबारक' से तिलमिलाई कांग्रेस
२)
पिछले सोमवार को सम्मलेन में इमामों का अभिवादन करती श्रीमती दीक्षित |
चलते-चलते एक पुराना जोक:
फुर्सत के पलों में हवाईजहाज और रॉकेट गप लड़ा रहे थे।
रॉकेट बड़ी-बड़ी छोड़े जा रहा था कि मैं चाँद पर जाता हूँ, मंगल पर जाता हूँ, अंतरिक्ष में मै तो ......
हवाई जहाज बीच में ही उसे टोकते हुए: अरे वो तो ठीक है यार। जाने को तो मैं भी आसमान में बहुत दूर-दूर की सैर करता हूँ, किन्तु तू ये बता कि जब तू जमीन से आसमान में जाता है तो एकदम सीधे कैसे ऊपर को उछल जाता है ? मुझे तो ऊपर उठने के लिए पहले रनवे पर बहुत दूर तक तेजी से दौड़ना पड़ता है !
रॉकेट: बेटे, अपने पिछवाड़े जब कोई आग लगा दे तो सभी ऐसे ही उछलते है!
क्या गजब का तीर मारा है वो भी निशाने पर !!
ReplyDeleteशुक्रिया खंडेलवाल जी !
Deleteतथ्य पूरक पहली प्रस्तुति-
ReplyDeleteमजेदार दूसरा मजाक-
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शुभकामनायें-
राकेट ने सही सलाह दी है, सीधे ऊपर जाने के लिये पिछवाडे पलीता लगवाना पडता है.:)
ReplyDeleteरामराम.
जाकी भावना जैसी
ReplyDeleteहाथ करे तो रासलीला, कमल करे तो छिनरई
ReplyDeleteब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन रुस्तम ए हिन्द स्व ॰ दारा सिंह जी की पहली बरसी - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
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ReplyDeleteबहुत ही अच्छा लिखा आपने .बहुत ही सुन्दर रचना.बहुत बधाई आपको . कभी यहाँ भी पधारें ,कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.
भाजपा एक तरफ मस्जिद तोडती है,दूसरी तरफ रमजान मुबारक की बधाई देती है,
ReplyDeleteRECENT POST ....: नीयत बदल गई.
हर मौके का अपने ढंग से उपयोग !
ReplyDeleteआदरणीय आपकी यह प्रभावशाली प्रस्तुति 'निर्झर टाइम्स' पर लिंक की गई है। कृपया http://nirjhar-times.blogspot.in पर पधारें और अवलोकन करें।
ReplyDeleteआपकी प्रतिक्रिया सादर आमंत्रित है।
सूचनार्थ