Thursday, July 25, 2013

कार्टून कुछ बोलता है - इसने तो घास भी नहीं डाली !


9 comments:

  1. सब के सब जाकर कहीं रो आयें

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  2. ओबामा वह अहमियत, नहीं दे रहा आज |
    नहीं तवज्जो मिले जब, हो रज्जो नाराज |

    हो रज्जो नाराज, सांसद चिट्ठी लिखते |
    इन्हें काम ना काज, करोड़ों में पर बिकते |
    ओबामा से अधिक, अहमियत दे ओसामा |

    दिग्गी को अफ़सोस, मारता क्यूँ ओबामा ||

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  3. हा हा ... बहुत धो दिया आपने ...

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  4. धिक्कार है इनको.

    रामराम.

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  5. सारी कलई खोल दीनी रे कार्टुनिया,
    काहे सरे बजार हमका थुकाय रहे
    इज्जत की बोली लगाई रे कार्टुनिया!

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  6. जिस तरह से मोदी के लिए अमेरिका को हमारे सांसदों ने चिट्ठी लिखी है उससे दो तिन बाते साफ़ हो जाती है। पहली तो ये की अगर मोदी आदमखोर हैं यमदूत हैं तो हमारे नेता इस यमदूत के साथ तो अपने देश में रह सकते हैं पर यह यमदूत अमेरिका जाए इन्हें स्वीकार नहीं। मतलब अमेरिका की जनता की सुरक्षा के लिए ये ज्यादा चिंतित है भारतीयों के लिए नहीं। दूसरी बात हमारे नेता लिखना जानते है. ख़ुशी होती अगर ये चिट्ठी इन मुद्दों पर राष्ट्रपति/प्रधानमंत्री को लिखते

    - उत्तराखंड में लोगो को क्यों नहीं बचाया गया ?
    - रूपया इतना गिरता क्यों जा रहा है ?
    - भ्रष्टाचार क्यों इतना बढ़ गया है ?
    - महंगाई क्यों बढती जा रही है
    - चीन हमारे सीमा के अन्दर क्यों घुस गया ?
    - दिल्ली बलात्कार के आरोपी को सजा जल्दी क्यों नहीं दी जा रही ?
    - कश्मीरी पंडित अपने ही देश में अनाथ क्यों जी रहे हैं ?
    -कश्मीर का आधा भाग पाकिस्तान से वापस क्यों नहीं लिया जा रहा ?
    - हमारे सैनिको का सर काट के ले जाने वालो को जवाब क्यों नहीं दिया गया ?

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  7. बहुत बढ़िया कार्टून और इस जील की विचारणीय टिप्‍पणी।

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  8. कार्टून याद दिला रहा है उन बच्चों की विवशता जिनका इसे खाये बना काम नहीं चलता !१

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प्रश्न -चिन्ह ?

  पता नहीं , कब-कहां गुम हो  गया  जिंदगी का फ़लसफ़ा, न तो हम बावफ़ा ही बन पाए  और ना ही बेवफ़ा।