...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
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मौन-सून!
ये सच है, तुम्हारी बेरुखी हमको, मानों कुछ यूं इस कदर भा गई, सावन-भादों, ज्यूं बरसात आई, गरजी, बरसी और बदली छा गई। मैं तो कर रहा था कबसे तुम...
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नोट: फिलहाल टिप्पणी सुविधा मौजूद है! मुझे किसी धर्म विशेष पर उंगली उठाने का शौक तो नहीं था, मगर क्या करे, इन्होने उकसा दिया और मजबूर कर द...
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हे भगवान हमारे बीनू फ़िरंगी को तो बख्श दो दुष्टों.
ReplyDeleteरामराम.
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ReplyDeleteगुरुवर मिड डे मील पर, पाले नव फरमान |
Deleteकुत्तों को पकड़ा रहे, पा जोखिम में जान |
पा जोखिम में जान, प्यार से उसे जिमायें |
खा के पहला ग्रास, अगर कुत्ता बच जाए |
आय जान में जान, किन्तु कुक्कुर कुल बढ़कर |
सरपट जाते भाग, पड़ें मुश्किल में गुरुवर ||
बहुत अच्छा कॉर्टून बनाया आपने।
ReplyDeleteसुन्दर
ReplyDeleteकमाल का कामयाब कार्टून ...
ReplyDeleteवाकई वह मिड डे मील देख कर ही भागा है ! कुत्ते समझदार होते हैं !
कार्टून उन बच्चों की दयनीय दशा याद दिलाता है जिनका काम खाये बिना भी नहीं चलता !
ReplyDeleteहे भगवान..
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