Tuesday, July 23, 2013

कार्टून कुछ बोलता है- बधाई हो गुलामों, एक और युवराज.............. !


10 comments:

  1. परसे हैं,
    कहो,
    आज भाग बरसे हैं।

    समाचार,
    न अचार,
    न विचार।

    ReplyDelete
  2. चाटुकारिता का परिकाष्ठा है यह...

    ReplyDelete
  3. Replies
    1. कोहनूर माथे सजे, कामधेनु का दुग्ध |
      भेजे चाम गुलाम-कुल, युवराजा पर मुग्ध ||

      Delete
  4. सुन्दर प्रस्तुति ....!!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल बुधवार (24-07-2013) को में” “चर्चा मंच-अंकः1316” (गौशाला में लीद) पर भी होगी!
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    ReplyDelete

झूम-झूम !

हमेशा झूमते रहो सुबह से शाम तक, बोतल के नीचे के आखिरी जाम तक, खाली हो जाए तो भी जीभ टक-टका, तब तलक जीभाएं, हलक आराम तक। झूमती जिंदगी, तुम क्...