बनाने वाले ने हमें भी अगर, ऐसा ऐ काश बनाया होता,
किसी यूरोप की मेम को, हमारी भी सास बनाया होता।
गोरी सी इक जोरू होती,और हम वी.वी.आईपी भी होते,
हर मोटे रईस ने अपना, हमें खासमखास बनाया होता।
चाटुकारों की इक पूरी फ़ौज,चरण वन्दना में लींन होती,
कहीं भी बेधड़क घुसने का,हमारा भी पास बनाया होता।
कहाँ से कहाँ पहुँच जाते, फिर हम चूड़ी बेचने वाले भी ,
शहर के हर शागिर्द ने हमें, अपना ब़ास बनाया होता।
ऐ बनाने वाले , भाग्य हमारा ऐसा झकास बनाया होता,
किसी यूरोप की मेम को, हमारी भी सास बनाया होता।
बात तो शतप्रतिशत सही कही है !!
ReplyDeleteबनाने वाले ने हमें भी अगर, ऐसा ऐ काश बनाया होता,
ReplyDeleteकिसी यूरोप की मेम को, हमारी भी सास बनाया होता।
हा हा हा....इस जन्म में तो दिल के अरमाँ आसुंओं मे ही बहते दिखै सैं मन्नै तो.:)
पर अगले जन्म में आपकी यह आरजू अवश्य पूरी होगी, इति बाबा वचनम.
रामराम.
खोजो शाला इक बड़ी, पढ़ते जहाँ अमीर |
Deleteमनचाहा साथी चुनो, सुन राँझे इक हीर |
सुन राँझे इक हीर, चीर कर दिखा कलेजा |
सुना घरेलू पीर, रोज खा उसका भेजा |
प्रथम पुरुष को पाय, लगाए दिल वह बाला |
समय गया पर बीत, पुत्र हित खोजो शाला ||
गोरी गोरी पर्तों में काले दाग जमे रहते हैं,
ReplyDeleteप्यार तो घर का ही, सब सहमे रहते हैं।
पूर्व जन्म के पुन्न से बनाता ऐसा जोग
ReplyDeleteलगा रहे पूंजीपति किसम किसम के भोग
किसम किसम के भोग भाग जग जाते अपने
गजब गुदगुदी नींद, नींद में मीठे सपने
मीठे सपने देख रहे सासू के प्यारे
उनकी दुनिया और रहे वे जग से न्यारे
:) :)
DeleteFantastic, Sir !
हास्य की सुन्दरतम अभिव्यक्ति ,
ReplyDeleteवाह वाह वाह
एक शाम संगम पर {नीति कथा -डॉ अजय }
रविकर जी की की सलीह ठीक लग रही है -
ReplyDelete(अपना)समय गया वह बीत,पुत्र का हित अब सोचो
बेटा उनके हाथ सौंप ,निज आश्रय खोजो !
गोरी गोरी सास के सपने
ReplyDeleteसपने किसके हुए अपने ।
अजब गजब ख्वाहिशें :):)
ReplyDeleteरोचक ...पर बात तो प्रासंगिक है आज के दौर में ....
ReplyDeleteचाटुकारों की इक पूरी फ़ौज,चरण वन्दना में लींन होती,
ReplyDeleteकहीं भी बेधड़क घुसने का,हमारा भी पास बनाया होता ...
क्या बात है गौदियाल जी ... किस पे इशारा है आज ...
व्यंग्य पूर्ण मजेदार प्रस्तुति।।।
ReplyDeleteबर्ट जी ढेर हुए, व्यंग्य पंक्तियां ऐसी
ReplyDeleteहाथ की मारीचिका भारतभूमि प्यासी