यूँ ही विचार मग्न था कि अपने एक गुरूजी याद आ गए ! कालेज के दिनों की बात है, हमारी क्लास में कोई भी छात्रा नहीं थी! हमारे एक मराठी गुरूजी थे, डॉक्टर जोशी, बहुत ही मिलनसार किस्म के इन्सान, एक ऐसा इंसान जो बहुत से गुरुओ के बीच कैम्पस में अपनी एक अलग छबि बनाने में कामयाब थे ! हमारी क्लास के किसी विद्यार्थी को कैम्पस ग्राउंड में किसी छात्रा के साथ घूमते देख लेते तो क्लास में आकर पूछते , "क्यों बेटा, दादा भाई नारोजी बनने की राह पर हो क्या" ? शुरू में तो हमने गुरूजी का यह डायलोग हल्के में ही लिया, मगर जब थोडा समझदार हुए तो अड़ गए कि पहले अपने इस डायलोग का राज बतावो फिर हम तबियत से क्लास में पढेंगे ! मजबूर होकर, न चाहते हुए भी उन्हें अपने डायलोग का राज खोलना पडा था! पूरी क्लास वह गूढ़ राज सुनने के लिए सांस रोके बैठी थी! वे बोले, 'दादा' का मतलब तो आप लोग जानते ही हो, यानी 'बड़ा भाई' ! भाई का मतलब भाई, और मराठी में पति को 'नौरो' बोलते है! तो इसका मतलब यह हुआ कि कहीं घूमते हुए जब कोई लडकी को उसके जानने वाला कोई मिल जाए तो वो कहती है " ये मेरे दादा है " , कुछ दिनों बाद वह संकुचाती हुई कहती है "यह मेरा भाई है", और फिर जब सिलसिला और आगे बढ़ता है तो कहती है यह मेरे 'नौरोजी' है ! तो इस तरह दादा भाई नौरोजी बन जाते है लोग !
अब आप पूछोगे कि इतना गलत ख़याल आपके दिमाग में कैसे आया ? तो जनाब, आपको बताता चलू कि पिछले सन्डे को बच्चो को घुमाने चिडियाघर ले गया था,( काफी समय से नहीं गए थे इस लिए) लौटते में, समय था इसलिए पुराने किले का रुख किया, मगर अफ़सोस कि उस पर दुरात्माओं ने कब्जा जमा लिया है! उन्हें देख, मेरी बेटी ने सवाल किया, पापा, ये ऐसे क्यों बैठे है, हिल-डुल भी नहीं रहे? मैंने कहा, बेटा रिसेसन चल रहा है न,, लगता है ये लोग भूखे है, इसलिए .............. ..........................भगवान् इनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करे !
हा-हा-हा बढिया है । बहुत खुब कहा......
ReplyDelete"...बेटा रिसेसन चल रहा है न,, लगता है ये लोग भूखे है, इसलिए .............. ..........................भगवान् इनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करे !"
ReplyDeleteNICE POST.
CONGRATULATION.
hahahahahaahahahaha.....
ReplyDeletemazaa aa gaya padh ke.......
बहुत बढ़िया लेख है
ReplyDelete---
Tech Prevue: तकनीक दृष्टा
तो आप.... दादा...भाई से नौरोजी कब बने:)
ReplyDeleteवाह जी, हमें तो पता ही नहीं था कि दादा भाई नैरोजी में इतना गहरा अर्थ छिपा है. आभार!! :)
ReplyDeleteक्या बात है। ये तो बहुत ही मज़ेदार अर्थ बताया आपने...
ReplyDeleteमानना पड़ेगा, गुरु गुरु ही होता है. बहुत बढ़िया मराठी मुहावरे के जनक हैं भाई आपके गुरुवार जोशी जी,
ReplyDeleteऔर हाँ ............... आपका भी रिसेसन के सन्दर्भ में उत्तर देना पसंद आया, आखिर गुरु की छाया कुछ तो पड़ेगी ही न.....
बहुत खूब भाई मज़ा ला दिया आपने....
चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
KYA BAAT HAI BAHOOT BADHIYA BAAT SACH MEIN RECESSION TO HAI HI ...
ReplyDeletesahi kaha ..रिसेसन चल रहा है ये लोग भूखे है, or inki bhookh bhi aisi ki
ReplyDeletemaa..baap ek gilas pani mang le to inko lakva maar jata hai or juban me current aa jata hai
or koi larki inse kahe ki meri jutii chat ke saaf karoo to hi-hi karke suru ho jayene kutto ki tarah ...
sari maan maryada ,khuddari sab baha di ...........
एक प्रसंग का सुन्दर प्रयोग और वर्तमान से जोड़ते हुये अपनी व्यथा/दुविधा को हम्स के भी व्यक्त किया जा सकता है, सिखाती हुई पोस्ट रोचक लगी।
ReplyDeleteसादर,
मुकेश कुमार तिवारी