कभी-कभी मेरे दिल में ख़याल आता है;
कि एक निर्दोष अपने इस भारत देश में,
बेवजह दस साल जेल में गुजार जाता है !
आगे इस बेशर्मी का आलम यह है कि,
बदले में भरपाई सिर्फ सौ हजार पाता है !
और दोषी जो अरबो खा जाए चारे संग,
वह नाम अपना सत्ता में शुमार पाता है !
कल शायद आपने भी इस खबर पर गौर किया होगा; MUMBAI: In an important judgment, the Bombay high court on Tuesday ordered the Maharashtra government to pay Rs 1 lakh as compensation to a
40-year-old man who languished in prison for over 10 years for a crime he did not commit. Malegaon resident Bapu Mali was in jail for five years as an undertrial, battling rape and murder charges. Even after being acquitted by the trial court, Mali had to spend five more years in prison as he could not shell out the bail amount when his case went into appeal.
"This is a sorry state of affairs,'' a division bench of Justice Bilal Nazki and Justice A R Joshi said, while upholding the trial court order acquitting Mali. "Not only the prosecuting agency, but also the courts are involved (for Mali languishing in jail). This is a reflection on our own system which needs to be corrected.''
कभी-कभी मेरे दिल में ख़याल आता है;
कि ऊँची उड़ान वाले इस भारत देश में,
जब कोई उड़न खटोला गुम हो जाता है !
तो उसे तलाश करने वालो की नजरो में ,
यहाँ क्यों आसमानी फर्क नजर आता है !
एक की खोज में हमने सब झोंक डाला,
तो एक गुमे हुए को साल गुज़र जाता है !
ये भी अभागे थे जिनका हैलीकोप्टर एक साल पहले कहीं गुम हो गया था, मगर चूँकि ये न तो नेता थे और न किसी राज्य के मुख्यमंत्री, अतः इनके परिजनों के आंसू निर्झर बह रहे है अभी तक :
Aug 03, 2008: Chief Pilot V P Singh, co-pilot R Gaur, flight engineer Santosh Kumar and technician Ashwini Kumar were on board the chopper, which took off from Hyderabad at 3 PM on Sunday. All contacts with the copter were lost at about 4 PM.
The helicopter was supposed to land at regional headquarters of Bastar at Jagdalpur in Chhattisgarh at 4.30 pm for refuelling, which never happened, and whereabouts of the Bell-430 had not been known to either Andhra Pradesh or Chhatisgarh, officials said.
Chhattisgarh Government had hired the helicopter from Ranbaxy-owned Ran Air to take its Home Minister Ram Vichar Netam to Ranchi from Raipur.
...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
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प्रश्न -चिन्ह ?
पता नहीं , कब-कहां गुम हो गया जिंदगी का फ़लसफ़ा, न तो हम बावफ़ा ही बन पाए और ना ही बेवफ़ा।
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AAPNE DUKHTI RAG PAR HAATH RAKH DIYA .... YE SACH HAI ... UNKE NAAM PAR AANSOO BAHAANE WAALA BAS UNKA PARIVAAR HI HAI .... PAINI NAZAR SE AAPNE MUMBAI KI KHABAR KO PAKDA HAI ... SALAAM HAI APKI KALAM KO ...
ReplyDeleteअत्यंत सार्थक ढंग से आपने तथ्यों तथा आमजनमानस के भावों को रखा है....
ReplyDeleteक्या कहें,चुपचाप मूकदर्शक बन हम सब यह देखने को विवश हैं...देखें कब हमारे सब्र का घडा भरता है और हम प्रतिवाद को मुखर होते हैं..
इस ख्याल को सलाम करने को जी चाहता है।
ReplyDelete( Treasurer-S. T. )
बहुत सशक्त ढंग से आपने बात कही है
ReplyDeleteआम और खास का फर्क शायद यही तो है
क्या एक लाख की राशि उसके खोये हुए वर्ष और उसकी इज़्ज़त[हां, गरीब की भी इज़्ज़त होती है] वापस आ जाएगी??????
ReplyDeleteगोदियाल साहेब...........
ReplyDeleteधन्य हैं आप जैसे सजग कलमकार..........जो देश का दर्द और मानव का दर्द हमझते हैं और दर्दे-जाना से उठ कर दर्दे-दौराँ की बात करते हैं ॥
बहुत सही और सटीक है आपका कहना,,,,,,,,
बधाई !
bahut khub kya kaha hai aapne , lajvab
ReplyDeleteएक शब्द- गज़ब!!!!
ReplyDeleteKya baat hai, aapke lekhan main. dil ko dard de gai. jiski koi dawa nahi........ Is desh ka upar wala hi jane.........
ReplyDeleteबहुत अच्छी रचना . कृपया मेरे ब्लॉग पर पधारे.
ReplyDeleteबहुत अच्छी रचना . कृपया मेरे ब्लॉग पर पधारे.
ReplyDelete"ये भी अभागे थे जिनका हैलीकोप्टर एक साल पहले कहीं गुम हो गया था, मगर चूँकि ये न तो नेता थे और न किसी राज्य के मुख्यमंत्री, अतः इनके परिजनों के आंसू निर्झर बह रहे है अभी तक :"
ReplyDeleteपी.सी.गोदियाल जी!
यही तो विडम्बना है। कानून आम आदमी के लिए अलग है यहाँ।
आप ने एकदम दुरुस्त फ़रमाया है,मुझे भी उस गुम हेलीकाप्टर की याद आई थी कि उसका क्या हुआ?आप ने रचना के साथ-साथ महत्वपूर्ण और सारगर्भित मुद्दा उठाया है....
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