Friday, October 16, 2009

दीवाली पर एक ब्लॉगर भारतीय बच्चे का पटाखा मैनेजमेंट !

सर्वप्रथम आप सभी को एक बार फिर से दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये ! मन के अन्दर एक बच्चा है, जिसे बहुत रोकने की कोशिश करता हूँ मगर वह है कि कभी- कभार कीडे की तरह उछल पड़ता है ! नहीं मालूम कि जो लिखने जा रहा हूँ उसे आपलोग किस तरह से लेंगे! लेकिन यही कहूंगा कि दिवाली के इस सु-अवसर पर यह हल्का फुल्का हास्य-विनोद है, इसलिए आप उसे अन्यथा न ले ,और अगर किसी भी सज्जन को यह शोभनीय न प्रतीत हो, तो मैं उनसे अग्रिम तौर पर क्षमा प्राथी हूँ !

यह बच्चा जो कि दिनभर इस हिन्दी बलोग जगत में ही उलझा रहता है, आज दिवाली के अवसर पर किस तरह अपने पटाखों का मैनेजमेंट कर रहा है, आये देखे :

पापा ने पांच सौ रूपये दिए थे पटाखे खरीदने के लिए, लेकिन पांच सौ के तो कुछ भी नहीं आये ! दो सौ का तो एक ही अनार का डब्बा आया ! चलो ऐसा करता हूँ कि इसकी स्टॉक लिस्ट बनाता हूँ ;

१. सुतली वाले समीर अंकल - चार
( चिंटू बोल रहा था कि जब ये फूटते है तो आईटम बम की तरह आवाज करते है, इन्हें तो मै देर रात को जब पडोसी सो जायेंगे, तब उनके गेट पर जाके फोडूगा )

२.डबल सौट वाले ताऊ रामपुरिया - दो
(चिंटू बोल रहा था कि ये दो बार आसमान की तरफ गोले छोड़ते है, एक करीब तीन बजे और दूसरा छः बजे शाम को ! इनको तो मै छत पर जाकर तेल के खाली कनस्तर के अन्दर रखकर फोडूंगा ! देखता हूँ कि कहा गोले छोड़ते है आज! कनस्तर लेकर ही उडे ,तो वो और बात है )

३.चिपलूनकर अंकल - दो
( चिंटू ने बताया कि पिछले साल उसके बड़े भैया ने आसमान में खूब छोडे थे, ये सूऊऊऊऊ करके ऊपर जाते है और फिर जब फूटते है तो बहुत सारे चमचमाते सितारों की बौछार ऊपर से करते है )

४. अरे मेरे पास धमाकेदार एक अवधिया चचा भी तो है, ऐसा करूंगा कि अवधिया चचा को चिपलूनकर अंकल के साथ बांधकर बोतल का मुह गली के नुक्कड़ में रहने वाले अंजुमन मिंया के घर की तरफ करके छोडूंगा ! अगर चिपलूनकर अंकल, अवधिया चचा के साथ सीधे जाकर खिड़की के रास्ते अंजुमन मिंया के घर में घुसकर जोरदार ढंग से फूट पड़े, तो सच में बहुत मजा आयेगा !

५. महफूज भाई - चार
( यार, ये तो बड़े काम की चीज है, इनको तो महफूज ही रखना पडेगा, अभी नहीं फोडूंगा, न्यू इयर का जश्न भी तो मनाना है )

६.कलर छोड़ने वाली अदा दी - पूरा एक पैकेट है
(खूब रंग-विरंगी चिंगारिया छोड़ती है, इसे तो मै छोटी बहन को दे दूंगा )

७. अर्शिया फूल्झडी- ये भी दो पैकेट है दोनों छोटी बहन को दे दूंगा, वह भी खुश हो जायेगी !

८. भाटिया अंकल - दो
(चिंटू कह रहा था कि ये स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्ससीसी की आवाज करके जाते है, मगर फूटते वक्त धमाका नहीं करते, इन्हें भी छत से उड़ाउंगा )

9.अब बचे ये शास्त्री अनार- पूरा एक डब्बा है, बड़ा कीमती है, दो सौ का आया, खैर ये जब जलते है तो खूब झिलमिल-झिलमिल रोशनी करते है, सबसे पहले मै इन्ही ही से गली रोशन करूंगा !

अरे, मेरे पास चार पैकेट कोकाश अंकल भी तो है, मुर्गा छाप है, इन्हें तो मै पूरी की पूरी लड़ी एक साथ फोडूंगा, गली में अगर कोई रात को ओवरकोट पहने निकला तो एक लड़ी चुपके से सुलगाकर उसकी जेब में भी डाल दूंगा, सच में बहुत मजा आयेगा !

यह तो थी एक भारतीय ब्लॉगर बच्चे की पठाखा मैनेजमेंट, इनकी खुशिया एक पडोसी मुल्क के ब्लॉगर बच्चे से देखी नहीं जा रही, अतः वह भी अपनी माँ से जिद कर रहा है, कह रहा है कि मैं भी बम फोडूंगा ! क्या कह रहा है आये देखे ;

अम्मी देख वहाँ दीवाली आई
हर घर में है खुशिया छाई,
बंट रहे है कही पर तोहफे
और कहीं बंट रही मिठाई !

छत पर सबके लडिया साजी
बच्चे कर रहे आतिशबाजी,
बड़े-बूढे सज-धजकर घूमे है
वस्त्र-आभूषण पहन रिवाजी !

जगमग-जगमग दीप जले है
हर रोशन घर लगे भले है,
दिये में टिम-टिम जलती बाती
खुसी उनकी मुझसे देखी न जाती !

किसी आतंकी से मुझे मिला दे
थोडा आरडीएक्स मुझे दिला दे,
उसे तो मैं हरगिज यूँ ना छोडूंगा
उसके घर जाकर मैं भी बम फोडूगा !

30 comments:

  1. किसी आतंकी से मुझे मिला दे
    थोडा आरडीएक्स मुझे दिला दे,
    उसे तो मैं हरगिज यूँ ना छोडूंगा
    उसके घर जाकर मैं भी बम फोडूगा !

    बहुत शानदार मैनिजमेंट है, दीवाली ऐसे ही मनेगी
    बधाई

    ReplyDelete
  2. वाह क्या मैनेजमेंट किया है. पर फुस्स न हो जाये थोडा धूप दिखाना होगा.
    दिवाली की हार्दिक बधाई

    ReplyDelete
  3. दीपपर्व की अशेष शुभकामनाएँ।
    आपकी लेखनी से साहित्य जगत जगमगाए।
    लक्ष्मी जी आपका बैलेंस, मंहगाई की तरह रोड बढ़ाएँ।

    -------------------------
    पर्यावरण और ब्लॉगिंग को भी सुरक्षित बनाएं।

    ReplyDelete
  4. bahut accha manage kiya aapne...
    aur padosi mulk to do kadam aage nikal gaya..
    किसी आतंकी से मुझे मिला दे
    थोडा आरडीएक्स मुझे दिला दे,
    उसे तो मैं हरगिज यूँ ना छोडूंगा
    उसके घर जाकर मैं भी बम फोडूगा !
    bahut acche...

    ReplyDelete
  5. बहुत सुंदर आप के पाटखो का तो सच मै बहुत मजा आया, पढते समय ऎसा लाग जेसे किसी ब्च्चे को पटाखे छुडाते हुये ध्यान से देखते है, ओर मजा आता है, बहुत मजेदार ओर कविता उस से भी अच्छी.
    धन्यवाद
    आपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं !

    ReplyDelete
  6. पर वो जो "फुसकी फटाके" हैं उनका क्या करेंगे? :-)

    दीपोत्सव का यह पावन पर्व आपके जीवन में भी धन-धान्य-सुख-समृद्धि ले कर आए!

    ReplyDelete
  7. वाह जी वाह आपने तो गजब  का बिभाजन किया है पटाखों का ....

    दीपावली की शुभकामनाये

    ReplyDelete
  8. किसी आतंकी से मुझे मिला दे
    थोडा आरडीएक्स मुझे दिला दे,
    उसे तो मैं हरगिज यूँ ना छोडूंगा
    उसके घर जाकर मैं भी बम फोडूगा !

    बहुत ही सुन्‍दर शब्‍दों का संयोजन एवं प्रस्‍तुति, दीपावली की शुभकामनाओ के साथ 'सदा'

    ReplyDelete
  9. मजेदार मॅनेजमेंट...अच्छा लगा..आप को दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ..

    ReplyDelete
  10. बढिया है.
    दीपावली की बहुत-बहुत शुभकामनायें

    ReplyDelete
  11. पटाखा मेनेजमेन्ट है दीपावली की शुभकामनाये

    ReplyDelete
  12. बढिया रहा ये पटाखा मैनेजमैंट....हमारी नजर में तो सब पटाखे किसी एटम बम्ब से कम नहीं हैं. अवधिया जी तो ऎसे बम्ब है जो कि गीला होने पर भी जोरदार धमाका कर दें :)
    आपको पुन: दीपावली की हार्दिक शुभकामनाऎँ!!!!!

    ReplyDelete
  13. बढिया रहा ये पटाखा मैनेजमैंट..

    SANJAY KUMAR
    HARYANA
    http://sanjaybhaskar.blogspot.com

    ReplyDelete
  14. बढिया रहा ये पटाखा मैनेजमैंट..

    SANJAY KUMAR
    HARYANA
    http://sanjaybhaskar.blogspot.com

    ReplyDelete
  15. बहुत बढ़िया लिखा है आपने ! आपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें !

    ReplyDelete
  16. अरे ये बडे बच्चे का पटाखा था..तभी तो हाय कित्ते भारी भारी लोगों को फ़ोड दिया/उडा डाला....मजा आ गया..अबके दिवाले तो ब्लोगवाली हो गई।

    ReplyDelete
  17. गेट तक ट्राली में रख कर ले जाओगे फोड़ने कि गुड़काते हुए.. :(


    सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
    दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
    खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
    दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!

    -समीर लाल ’समीर’

    ReplyDelete
  18. ताऊ कनस्तर में...३ बजे और ६ बजे...हा हा!!!

    ReplyDelete
  19. आपके अंदर का बचुआ तो है ही नटखट पर पडौसी का बाप रे बाप !

    दीपावली की अनेकानेक शुभ कामनाएँ ।

    ReplyDelete
  20. बढिया मैनेज किया आपने !
    पटाखों को !

    दीपवली की हार्दिक शुभकामनायें !

    ReplyDelete
  21. इस दीपावली में प्यार के ऐसे दीए जलाए

    जिसमें सारे बैर-पूर्वाग्रह मिट जाए

    हिन्दी ब्लाग जगत इतना ऊपर जाए

    सारी दुनिया उसके लिए छोटी पड़ जाए

    चलो आज प्यार से जीने की कसम खाए

    और सारे गिले-शिकवे भूल जाए

    सभी को दीप पर्व की मीठी-मीठी बधाई

    ReplyDelete
  22. आपकी दिवाली कमाल की मनेगी आज ............
    आपको और आपके परिवार में सभी को दीपावली की शुभकामनाएं ...............

    ReplyDelete
  23. यह दिया है ज्ञान का, जलता रहेगा।
    युग सदा विज्ञान का, चलता रहेगा।।
    रोशनी से इस धरा को जगमगाएँ!
    दीप-उत्सव पर बहुत शुभ-कामनाएँ!!

    ReplyDelete
  24. दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें

    ReplyDelete
  25. बहुत सही कहा आपने.

    ReplyDelete
  26. व्वा बेटा !! कोकास अंकल तो पटाखा फोड़ते ही नहीं और उनके नाम से मुर्गाछाप चार पेकेट .. वो भी ओवरकोट की जेब में डालने का इरादा ? मान गये तेरा मैनेजमेंट । आना जरा अबकी बार मेरे यहाँ ।

    ReplyDelete
  27. किसी आतंकी से मुझे मिला दे
    थोडा आरडीएक्स मुझे दिला दे,
    उसे तो मैं हरगिज यूँ ना छोडूंगा
    उसके घर जाकर मैं भी बम फोडूगा

    वर्तमान तेज़ भागते मैनेजमेंट का शायद यही रूप है............... सुखद भविष्य.............की अभिलाषा में...........

    दीपावली एवं भैया-दूज के पावन पर्व पर आपको सपरिवार हार्दिक अनंत शुभकामनाएं

    चन्द्र मोहन गुप्त
    जयपुर
    www.cmgupta.blogspot.com

    ReplyDelete
  28. किसी आतंकी से मुझे मिला दे
    थोडा आरडीएक्स मुझे दिला दे,
    उसे तो मैं हरगिज यूँ ना छोडूंगा
    उसके घर जाकर मैं भी बम फोडूगा


    hahahahahahaha

    ReplyDelete
  29. कलर छोड़ने वाली अदा दी - पूरा एक पैकेट है
    (खूब रंग-विरंगी चिंगारिया छोड़ती है, इसे तो मै छोटी बहन को दे दूंगा )
    हाय ओ रब्बा मैं की कराँ..
    मेरा कलर छुडा छुडा के पूरा डिसकलर कर दित्ता मैनू....
    जय हो....

    ReplyDelete
  30. Lekhan ki tasbir hi badal rahi hai... ab sahitya gabhir se hasya ki rah par chal raha hai...bahut khub bemisal bhaisab.

    ReplyDelete

प्रश्न -चिन्ह ?

  पता नहीं , कब-कहां गुम हो  गया  जिंदगी का फ़लसफ़ा, न तो हम बावफ़ा ही बन पाए  और ना ही बेवफ़ा।