सर्वप्रथम आप सभी को एक बार फिर से दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये ! मन के अन्दर एक बच्चा है, जिसे बहुत रोकने की कोशिश करता हूँ मगर वह है कि कभी- कभार कीडे की तरह उछल पड़ता है ! नहीं मालूम कि जो लिखने जा रहा हूँ उसे आपलोग किस तरह से लेंगे! लेकिन यही कहूंगा कि दिवाली के इस सु-अवसर पर यह हल्का फुल्का हास्य-विनोद है, इसलिए आप उसे अन्यथा न ले ,और अगर किसी भी सज्जन को यह शोभनीय न प्रतीत हो, तो मैं उनसे अग्रिम तौर पर क्षमा प्राथी हूँ !
यह बच्चा जो कि दिनभर इस हिन्दी बलोग जगत में ही उलझा रहता है, आज दिवाली के अवसर पर किस तरह अपने पटाखों का मैनेजमेंट कर रहा है, आये देखे :
पापा ने पांच सौ रूपये दिए थे पटाखे खरीदने के लिए, लेकिन पांच सौ के तो कुछ भी नहीं आये ! दो सौ का तो एक ही अनार का डब्बा आया ! चलो ऐसा करता हूँ कि इसकी स्टॉक लिस्ट बनाता हूँ ;
१. सुतली वाले समीर अंकल - चार
( चिंटू बोल रहा था कि जब ये फूटते है तो आईटम बम की तरह आवाज करते है, इन्हें तो मै देर रात को जब पडोसी सो जायेंगे, तब उनके गेट पर जाके फोडूगा )
२.डबल सौट वाले ताऊ रामपुरिया - दो
(चिंटू बोल रहा था कि ये दो बार आसमान की तरफ गोले छोड़ते है, एक करीब तीन बजे और दूसरा छः बजे शाम को ! इनको तो मै छत पर जाकर तेल के खाली कनस्तर के अन्दर रखकर फोडूंगा ! देखता हूँ कि कहा गोले छोड़ते है आज! कनस्तर लेकर ही उडे ,तो वो और बात है )
३.चिपलूनकर अंकल - दो
( चिंटू ने बताया कि पिछले साल उसके बड़े भैया ने आसमान में खूब छोडे थे, ये सूऊऊऊऊ करके ऊपर जाते है और फिर जब फूटते है तो बहुत सारे चमचमाते सितारों की बौछार ऊपर से करते है )
४. अरे मेरे पास धमाकेदार एक अवधिया चचा भी तो है, ऐसा करूंगा कि अवधिया चचा को चिपलूनकर अंकल के साथ बांधकर बोतल का मुह गली के नुक्कड़ में रहने वाले अंजुमन मिंया के घर की तरफ करके छोडूंगा ! अगर चिपलूनकर अंकल, अवधिया चचा के साथ सीधे जाकर खिड़की के रास्ते अंजुमन मिंया के घर में घुसकर जोरदार ढंग से फूट पड़े, तो सच में बहुत मजा आयेगा !
५. महफूज भाई - चार
( यार, ये तो बड़े काम की चीज है, इनको तो महफूज ही रखना पडेगा, अभी नहीं फोडूंगा, न्यू इयर का जश्न भी तो मनाना है )
६.कलर छोड़ने वाली अदा दी - पूरा एक पैकेट है
(खूब रंग-विरंगी चिंगारिया छोड़ती है, इसे तो मै छोटी बहन को दे दूंगा )
७. अर्शिया फूल्झडी- ये भी दो पैकेट है दोनों छोटी बहन को दे दूंगा, वह भी खुश हो जायेगी !
८. भाटिया अंकल - दो
(चिंटू कह रहा था कि ये स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्ससीसी की आवाज करके जाते है, मगर फूटते वक्त धमाका नहीं करते, इन्हें भी छत से उड़ाउंगा )
9.अब बचे ये शास्त्री अनार- पूरा एक डब्बा है, बड़ा कीमती है, दो सौ का आया, खैर ये जब जलते है तो खूब झिलमिल-झिलमिल रोशनी करते है, सबसे पहले मै इन्ही ही से गली रोशन करूंगा !
अरे, मेरे पास चार पैकेट कोकाश अंकल भी तो है, मुर्गा छाप है, इन्हें तो मै पूरी की पूरी लड़ी एक साथ फोडूंगा, गली में अगर कोई रात को ओवरकोट पहने निकला तो एक लड़ी चुपके से सुलगाकर उसकी जेब में भी डाल दूंगा, सच में बहुत मजा आयेगा !
यह तो थी एक भारतीय ब्लॉगर बच्चे की पठाखा मैनेजमेंट, इनकी खुशिया एक पडोसी मुल्क के ब्लॉगर बच्चे से देखी नहीं जा रही, अतः वह भी अपनी माँ से जिद कर रहा है, कह रहा है कि मैं भी बम फोडूंगा ! क्या कह रहा है आये देखे ;
अम्मी देख वहाँ दीवाली आई
हर घर में है खुशिया छाई,
बंट रहे है कही पर तोहफे
और कहीं बंट रही मिठाई !
छत पर सबके लडिया साजी
बच्चे कर रहे आतिशबाजी,
बड़े-बूढे सज-धजकर घूमे है
वस्त्र-आभूषण पहन रिवाजी !
जगमग-जगमग दीप जले है
हर रोशन घर लगे भले है,
दिये में टिम-टिम जलती बाती
खुसी उनकी मुझसे देखी न जाती !
किसी आतंकी से मुझे मिला दे
थोडा आरडीएक्स मुझे दिला दे,
उसे तो मैं हरगिज यूँ ना छोडूंगा
उसके घर जाकर मैं भी बम फोडूगा !
...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
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किसी आतंकी से मुझे मिला दे
ReplyDeleteथोडा आरडीएक्स मुझे दिला दे,
उसे तो मैं हरगिज यूँ ना छोडूंगा
उसके घर जाकर मैं भी बम फोडूगा !
बहुत शानदार मैनिजमेंट है, दीवाली ऐसे ही मनेगी
बधाई
वाह क्या मैनेजमेंट किया है. पर फुस्स न हो जाये थोडा धूप दिखाना होगा.
ReplyDeleteदिवाली की हार्दिक बधाई
दीपपर्व की अशेष शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteआपकी लेखनी से साहित्य जगत जगमगाए।
लक्ष्मी जी आपका बैलेंस, मंहगाई की तरह रोड बढ़ाएँ।
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पर्यावरण और ब्लॉगिंग को भी सुरक्षित बनाएं।
bahut accha manage kiya aapne...
ReplyDeleteaur padosi mulk to do kadam aage nikal gaya..
किसी आतंकी से मुझे मिला दे
थोडा आरडीएक्स मुझे दिला दे,
उसे तो मैं हरगिज यूँ ना छोडूंगा
उसके घर जाकर मैं भी बम फोडूगा !
bahut acche...
बहुत सुंदर आप के पाटखो का तो सच मै बहुत मजा आया, पढते समय ऎसा लाग जेसे किसी ब्च्चे को पटाखे छुडाते हुये ध्यान से देखते है, ओर मजा आता है, बहुत मजेदार ओर कविता उस से भी अच्छी.
ReplyDeleteधन्यवाद
आपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं !
पर वो जो "फुसकी फटाके" हैं उनका क्या करेंगे? :-)
ReplyDeleteदीपोत्सव का यह पावन पर्व आपके जीवन में भी धन-धान्य-सुख-समृद्धि ले कर आए!
वाह जी वाह आपने तो गजब का बिभाजन किया है पटाखों का ....
ReplyDeleteदीपावली की शुभकामनाये
किसी आतंकी से मुझे मिला दे
ReplyDeleteथोडा आरडीएक्स मुझे दिला दे,
उसे तो मैं हरगिज यूँ ना छोडूंगा
उसके घर जाकर मैं भी बम फोडूगा !
बहुत ही सुन्दर शब्दों का संयोजन एवं प्रस्तुति, दीपावली की शुभकामनाओ के साथ 'सदा'
मजेदार मॅनेजमेंट...अच्छा लगा..आप को दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ..
ReplyDeleteबढिया है.
ReplyDeleteदीपावली की बहुत-बहुत शुभकामनायें
पटाखा मेनेजमेन्ट है दीपावली की शुभकामनाये
ReplyDeleteबढिया रहा ये पटाखा मैनेजमैंट....हमारी नजर में तो सब पटाखे किसी एटम बम्ब से कम नहीं हैं. अवधिया जी तो ऎसे बम्ब है जो कि गीला होने पर भी जोरदार धमाका कर दें :)
ReplyDeleteआपको पुन: दीपावली की हार्दिक शुभकामनाऎँ!!!!!
बढिया रहा ये पटाखा मैनेजमैंट..
ReplyDeleteSANJAY KUMAR
HARYANA
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
बढिया रहा ये पटाखा मैनेजमैंट..
ReplyDeleteSANJAY KUMAR
HARYANA
http://sanjaybhaskar.blogspot.com
बहुत बढ़िया लिखा है आपने ! आपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें !
ReplyDeleteअरे ये बडे बच्चे का पटाखा था..तभी तो हाय कित्ते भारी भारी लोगों को फ़ोड दिया/उडा डाला....मजा आ गया..अबके दिवाले तो ब्लोगवाली हो गई।
ReplyDeleteगेट तक ट्राली में रख कर ले जाओगे फोड़ने कि गुड़काते हुए.. :(
ReplyDeleteसुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!
-समीर लाल ’समीर’
ताऊ कनस्तर में...३ बजे और ६ बजे...हा हा!!!
ReplyDeleteआपके अंदर का बचुआ तो है ही नटखट पर पडौसी का बाप रे बाप !
ReplyDeleteदीपावली की अनेकानेक शुभ कामनाएँ ।
बढिया मैनेज किया आपने !
ReplyDeleteपटाखों को !
दीपवली की हार्दिक शुभकामनायें !
इस दीपावली में प्यार के ऐसे दीए जलाए
ReplyDeleteजिसमें सारे बैर-पूर्वाग्रह मिट जाए
हिन्दी ब्लाग जगत इतना ऊपर जाए
सारी दुनिया उसके लिए छोटी पड़ जाए
चलो आज प्यार से जीने की कसम खाए
और सारे गिले-शिकवे भूल जाए
सभी को दीप पर्व की मीठी-मीठी बधाई
आपकी दिवाली कमाल की मनेगी आज ............
ReplyDeleteआपको और आपके परिवार में सभी को दीपावली की शुभकामनाएं ...............
यह दिया है ज्ञान का, जलता रहेगा।
ReplyDeleteयुग सदा विज्ञान का, चलता रहेगा।।
रोशनी से इस धरा को जगमगाएँ!
दीप-उत्सव पर बहुत शुभ-कामनाएँ!!
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeleteबहुत सही कहा आपने.
ReplyDeleteव्वा बेटा !! कोकास अंकल तो पटाखा फोड़ते ही नहीं और उनके नाम से मुर्गाछाप चार पेकेट .. वो भी ओवरकोट की जेब में डालने का इरादा ? मान गये तेरा मैनेजमेंट । आना जरा अबकी बार मेरे यहाँ ।
ReplyDeleteकिसी आतंकी से मुझे मिला दे
ReplyDeleteथोडा आरडीएक्स मुझे दिला दे,
उसे तो मैं हरगिज यूँ ना छोडूंगा
उसके घर जाकर मैं भी बम फोडूगा
वर्तमान तेज़ भागते मैनेजमेंट का शायद यही रूप है............... सुखद भविष्य.............की अभिलाषा में...........
दीपावली एवं भैया-दूज के पावन पर्व पर आपको सपरिवार हार्दिक अनंत शुभकामनाएं
चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com
किसी आतंकी से मुझे मिला दे
ReplyDeleteथोडा आरडीएक्स मुझे दिला दे,
उसे तो मैं हरगिज यूँ ना छोडूंगा
उसके घर जाकर मैं भी बम फोडूगा
hahahahahahaha
कलर छोड़ने वाली अदा दी - पूरा एक पैकेट है
ReplyDelete(खूब रंग-विरंगी चिंगारिया छोड़ती है, इसे तो मै छोटी बहन को दे दूंगा )
हाय ओ रब्बा मैं की कराँ..
मेरा कलर छुडा छुडा के पूरा डिसकलर कर दित्ता मैनू....
जय हो....
Lekhan ki tasbir hi badal rahi hai... ab sahitya gabhir se hasya ki rah par chal raha hai...bahut khub bemisal bhaisab.
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