वो एक वृथा शख्स जो
जिन्दगी से हुआ बोर था ,
और पैदाइशी कामचोर था ,
मेहनत करना नहीं चाहता था ,
और भूखों मरना नहीं चाहता था ,
हरतरफ था उसने हाथ आजमाया,
मगर कहीं भी उसने शकून न पाया,
किन्तु भाग्य
किन्तु भाग्य
में बिजनेस का योग था,
देश में फला-फूला 'आईवॉश' उद्योग था,
अब नाम भले ही उस धंधे का धोखा था,
मगर उसके लिए तो धंधा बड़ा चोखा था,
मगर उसके लिए तो धंधा बड़ा चोखा था,
ज्यूँ ही घुसा उस
हाईप्रोफाइल पेशे में
भैया,
तुरंत लग गई पार उसकी डगमगाती नैया,
बन बैठा इक मकाम का टुक्कड़खोर सदर है,
पॉश इलाके के बड़े से बंगले में उसका घर है।
पॉश इलाके के बड़े से बंगले में उसका घर है।
अंतिम लाईन में सच्चाई लिख दी :)
ReplyDeletewaah ..........kya baat kah di........gazab .
ReplyDeleteकविता मजेदार रही ।
ReplyDeleteलेकिन गोदियाल जी ये आई वास क्या है ?
बहुत बढ़िया व्यंग्य रचना है गोदियाल जी ... आपने अंतिम पंक्ति में सच का बखान किया है ...
ReplyDeleteपर एक बात कहना चाहूँगा ...
बन जाओगे नहीं ... बन चुके हैं ... आखिर हमारे देश के वर्तमान मंत्री-संत्री आये कहाँ से हैं ... की के भी इतिहास उठा कर देख लीजिए ... एक भी साफ़ दामन नज़र आये तो कहियेगा ...
shandaar..............
ReplyDeletejaandaar.........
teekha vyangya kiya aapne
Ha- Ha Dr. Sahaab " EYE WASH "
ReplyDeleteअच्छा भविष्य बताया आप ने धन्यवाद
ReplyDelete'लक' अच्छा रहा तो
ReplyDeleteकिसी दिन मंत्री-संत्री भी बन जावोगे !!
और फिर ऐसे ही तो बने हुए हैं
गोदियाल जी ,आज आपने देश और समाज में हर ईमानदारी के रास्ते पर बेईमानो ने कैसे-कैसे गंदगी फैलाकर, विश्वास नाम की चीज को ही समाप्त कर दिया है ,इसी बात को एक व्यंग के रूप में बहुत ही बखूबी से उतारा है / आशा है समाज और देश में फैले और भी बिमारियों को ऐसे ही अपनी प्रस्तुती से नंगा करते रहेंगे /
ReplyDeleteबहुत सही...
ReplyDeletedesh ki janta ko aap jese netao ki hi jarurat he
ReplyDeletedesh ki janta ko aap jese netao ki hi jarurat he
ReplyDeletenice
बहुत बढ़िया व्यंग्य रचना है गोदियाल जी .
ReplyDeleteमस्त और ज़बरदस्त वाली बात है जी....
ReplyDeleteकुंवर जी,
राजनीति में भी किस्मत आजमाओ .
ReplyDeleteइस देश की जनता के खूब मन भावोगे,
'लक' अच्छा रहा तो
किसी दिन मंत्री-संत्री भी बन जावोगे !
आपके मुँह में घी शक्कर!
बहुत बढ़िया गोदियाल साहब
ReplyDeleteलगे रहो .
ये बात सौफी सदी सच है ... एक बार एम पी या एम एल ऐ बनने में १ करोर खर्च करो १०-२०-१०० हो सके तो ४००० करोर भी कमाओ ...
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