Tuesday, May 11, 2010

कार्टून कुछ बोलता है !




तुम्हे मालूम है कि देश से अगर
एक भला और ईमानदार इंसान चला जाए तो क्या होगा ?



जी सर , एक सौ पच्चीस करोड़ लोगो का भला हो जाएगा !!!

14 comments:

  1. पर वह भला और समझदार है कौन?

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  2. सादर वन्दे !
    प्राब्लम ये है की दोनों नहीं हो रहा है, ना भला आदमी जा रहा है ना सबका भला हो रहा है, भगवान करे की सबका भला हो |
    रत्नेश त्रिपाठी

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  3. भला और ईमानदार इंसान?? बेचारा लाचार है, ओर देश का सत्यानाश हो रहा है... जी नही ऎसा भला और ईमानदार इंसान हमे नही चाहिये वरना देश का भट्टा बेठ जायेगा

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  4. कब जा रहा है ये भला और समझदार आदमी ?

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  5. वैसे कोई सच में है जो जाने वालो में आएगा.......?मतलब.......

    कुंवर जी,

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  6. बहुत बढ़िया

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  7. ज्ञानदत्त पांडे ने लडावो और राज करो के तहत कल बहुत ही घिनौनी हरकत की है. आप इस घिनौनी और ओछी हरकत का पुरजोर विरोध करें. हमारी पोस्ट "ज्ञानदत्त पांडे की घिनौनी और ओछी हरकत भाग - 2" पर आपके सहयोग की अपेक्षा है.

    कृपया आशीर्वाद प्रदान कर मातृभाषा हिंदी के दुश्मनों को बेनकाब करने में सहयोग करें. एक तीन लाईन के वाक्य मे तीन अंगरेजी के शब्द जबरन घुसडने वाले हिंदी द्रोही है. इस विषय पर बिगुल पर "ज्ञानदत्त और संजयदत्त" का यह आलेख अवश्य पढें.

    -ढपोरशंख

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  8. हा हा!! बहुत शानदार....

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  9. बहुत मोह लिया जी इस भले और ईमानदार इन्सान ने
    अब इनके जाना से ही देश का भला है।

    प्रणाम

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  10. क्या कहा? एक सौ पच्चीस करोड लोगों का भला हो जायेगा? अजी वो किस देश में जायेगा? किस देश की जनसंख्या एक सौ पच्चीस करोड है? ओहो शायद चीन की।
    लेकिन आपको कैसे पता कि वो चीन ही जायेगा?

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संशय!

इतना तो न बहक पप्पू ,  बहरे ख़फ़ीफ़ की बहर बनकर, ४ जून कहीं बरपा न दें तुझपे,  नादानियां तेरी, कहर  बनकर।