तज पुरा-रीतियां ज़माना निकला,नए-नए अभियानों पर,
बदल गई है अब दुनिया, सभ्यता के दरमियानों पर ॥
न स्वयम्बर की दरकार रही अब, न युवराजों की जंग,
जंक खाती जा रही तलवारें भी ,पडे-पडे मयानों पर ॥
क्या पूनम,क्या अमावस,क्या शुक्ल क्या कृष्ण पक्ष,
सूरज ग्रहण लगा रहे है नित,चांद के आशियानों पर ॥
उत्कंठा के चरम,उजाड़ रहा खुद माली ही गुलशन को ,
गुल सहमा ऐतवार करे कैसे,गुलशन के सयानों पर॥
काबिले भरोसा रहा न कोई,'परचेत' यक़ी करे किस पर,
यहां लोग भरोसा करते भी है तो गिरगिट के बयानों पर ॥
waise mujhe bhi bahut dukh hai jo kuch bhi hua...lekin agar ye hamari beti ne kiya hota to kya karte...bas ek masoom sa prashn hai...
ReplyDeleteDukhad ghatnaa hai ......
ReplyDeleteसबूत मिटा डाले उसी ने, जिस पर दारोमदार था ।
मुकदमा दर्ज हुआ भी तो, गिरगिट के बयानों पर ॥
antim lines bahut sashakt hai
सबूत मिटा डाले उसी ने, जिस पर दारोमदार था ।
ReplyDeleteमुकदमा दर्ज हुआ भी तो, गिरगिट के बयानों पर. satay hai.nice
अजी हो सकता है किसी ने कुछ भी ना किया हो उसी लडकी ने आत्महत्या की हो , मां बाप के डांटने के बाद या किसी अन्य कारण से.बिना सबुत क्यो किसी को दोषी कहे
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना है ... खास कर ये पंक्तियाँ बहुत अच्छी लगी
ReplyDeleteसबूत मिटा डाले उसी ने, जिस पर दारोमदार था ।
मुकदमा दर्ज हुआ भी तो, गिरगिट के बयानों पर ॥
न स्वयम्बर की दरकार रही, न युवराजों की जंग ।
ReplyDeleteजंक खाती जा रही तलवारें ,पडे-पडे मयानों पर ॥
विसकुल सही बात कही है आपने
achha vishay chuna aapne..badhai
ReplyDeleteबहुत ही सशक्त और सटीक अभिव्यक्ति गोदियाल जी । और अंतिम पंक्तियां तो कहर ढा रही हैं
ReplyDeleteपता नहीं, लेकिन दुखद तो अवश्य है..
ReplyDeleteअच्छी गजल ,दुखद है सब कुछ ।
ReplyDeleteऔर हां सुमन जी NICE के अलावा भी कुछ लिखते हैं ।
सुन्दर रचना!
ReplyDeleteमातृ-दिवस की बहुत-बहुत बधाई!
ममतामयी माँ को प्रणाम!
सबूत मिटा डाले उसी ने, जिस पर दारोमदार था ।
ReplyDeleteमुकदमा दर्ज हुआ भी तो, गिरगिट के बयानों पर ॥
वेदनायुक्त ग़ज़ल..
मुकदमा दर्ज हुआ भी तो, गिरगिट के बयानों पर ..
ReplyDeleteदेश का माहॉल आज ऐसा ही है .... देश का सत्यानाश कर रहे हैं ये राजनेता ...
बेहद सटीकता से बात कह दी आपने.
ReplyDeleteरामराम.
बहुत ही उम्दा और सटीक सोच से निकली अभिव्यक्ति /
ReplyDelete.........सुन्दर रचना!
ReplyDelete..........प्रभावशाली
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