छवि गूगल से साभार , कार्टून को बड़े आकर में देखने के लिए कृपया उस पर क्लिक करे !
...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
प्रश्न -चिन्ह ?
पता नहीं , कब-कहां गुम हो गया जिंदगी का फ़लसफ़ा, न तो हम बावफ़ा ही बन पाए और ना ही बेवफ़ा।
-
स्कूटर और उनकी पत्नी स्कूटी शहर के उत्तरी हिस्से में सरकारी आवास संस्था द्वारा निम्न आय वर्ग के लोगो के लिए ख़ासतौर पर निर्म...
-
अगस्त २००८ के आस-पास मैंने ब्लॉग-जगत में कदम रखा था! तबसे ब्लोगर मित्रों और सम्माननीय पाठकों की प्रेरणा पाकर मैंने एक लघु उपन्यास, ४१ कहानिय...
-
पिछले कुछ दिनों से ब्लॉग जगत पर एक ख़ास बात के ऊपर नजर गडाए था ! देखना चाहता था कि अक्सर किसी एक ख़ास मुद्दे पर एक साथ लेखों की बाढ़ निकाल द...
सीटी तो बज गयी जी।
ReplyDeleteवाह
ReplyDeleteसीटी बजाने वाला का सीटी भी छीन लिया न्यायपालिका अऊर जेल में डाल दिया कार्यपालिका..
ReplyDeleteअब सीटी बजाते रहिए...
शाम ढले खिडकी तले
ReplyDeleteतुम सीटी बजाना छोड दो :)
बहुत बजाई सीटी जी ... अब बच्चो के लिये छोड दी:)
ReplyDeleteलो कल्लो बात..ये भी खूब रही!! :)
ReplyDeleteबिल्कुल बज गई जी.
ReplyDeleteरामराम.
सही है.
ReplyDeleteबहुत खूब ।
ReplyDelete:-)
ReplyDeleteसीटी बजने की ये एक नई शुरुआत है .... फिर पब्लिक की बजना ही है .... आभार
ReplyDeletebahut badhiya.
ReplyDeleteलो सबको अपना बना लिया
ReplyDeleteसीटी बजा के।
:) :) ..बढ़िया है
ReplyDeleteअरे वाह गोदियाल जी.
ReplyDeleteअच्छी खबर सुनाई आपने, आखिर सरकार ने हम जैसों की सुनी तो।