...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
सहज-अनुभूति!
निमंत्रण पर अवश्य आओगे, दिल ने कहीं पाला ये ख्वाब था, वंशानुगत न आए तो क्या हुआ, चिर-परिचितों का सैलाब था। है निन्यानबे के फेर मे चेतना, कि...
-
पहाड़ों की खुशनुमा, घुमावदार सडक किनारे, ख्वाब,ख्वाहिश व लग्न का मसाला मिलाकर, 'तमन्ना' राजमिस्त्री व 'मुस्कान' मजदूरों...
-
आज तडके, दूर गगन में, एक अरसे के बाद, फुरसत से, सूरज अपनी महबूबा, चाँद से मिला, और कुछ पलों तक दोनों एक दूसरे को निहारते रहे, जी...
-
स्कूटर और उनकी पत्नी स्कूटी शहर के उत्तरी हिस्से में सरकारी आवास संस्था द्वारा निम्न आय वर्ग के लोगो के लिए ख़ासतौर पर निर्म...
ला-जवाब" जबर्दस्त!!
ReplyDeleteवैलेंटाईन डे की हार्दिक शुभकामनायें !
ReplyDeleteये तोहफा वाकई बहुत मूल्यवान है :):)
ReplyDeleteसच कितनी मेहनत करके लाया है कीमती तोहफ़ा …………प्रेमी हो तो ऐसा………………प्रेम दिवस की शुभकामनाएँ!
ReplyDeleteप्रेम का समर्पण देखिये।
ReplyDeleteयह झपटमार तो ईमानदार निकला जो सच्च बोल गया.
ReplyDeleteये ताऊ तो कुछ ज्यादा ही सच्चा निकला.:)
ReplyDeleteरामराम.
समर्पण हो तो ऐसा ।
ReplyDeleteबहुत गहरा प्रेम ...प्रेम दिवस की शुभकामनायें
ReplyDeleteये पहलू का तो हमें पता ही नहीं था :)
ReplyDeletekhoobsoorat tohfa..
ReplyDeleteपुलिसिए भी अपने डंडे को तेल पिला कर तैयार हैं। जनता हवलदार ने नयी नकोर चालान बुक निकाल ली है। कहीं हत्थे मत चढ जाना, बिना चालान के ही अंदर का रास्ता दिखा देगा। उसे पिछला वेलेन्टाईन याद है,
ReplyDeleteबहुत खूब गोदियाल साहब ! शुभकामनायें !
ReplyDelete