...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
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प्रश्न -चिन्ह ?
पता नहीं , कब-कहां गुम हो गया जिंदगी का फ़लसफ़ा, न तो हम बावफ़ा ही बन पाए और ना ही बेवफ़ा।
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स्कूटर और उनकी पत्नी स्कूटी शहर के उत्तरी हिस्से में सरकारी आवास संस्था द्वारा निम्न आय वर्ग के लोगो के लिए ख़ासतौर पर निर्म...
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पहाड़ों की खुशनुमा, घुमावदार सडक किनारे, ख्वाब,ख्वाहिश व लग्न का मसाला मिलाकर, 'तमन्ना' राजमिस्त्री व 'मुस्कान' मजदूरों...
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ना ही अभिमान करती, ना स्व:गुणगान गाती, ना ही कोई घोटाला करती, न हराम का खाती, स्वाभिमानी है, खुदगर्ज है, खुल्ले में न नहाती, इसीलिए हमारी भै...
यह पहली टिप्पणी भी खुद ही देना चाहूंगा कि भगवन का शुक्र मनाइये कि वो तो भारतीय सेना, फील्डमार्शल मानेकशा और उस जमाने के कुछ गिने -चुने ब्यूरोक्रेट्स थे जिन्होंने इस देश के संघटनात्मक ढाँचे में पाकिस्तान की तरह सैनिक दखलंदाजी की गुंजाइश नही छोडी, वरना तो आज के हमारे इन भ्रष्ट नेताओं ने इसे भी दूसरा पाकिस्तान बनाने में कोई कसर बाकी रख छोडी थी ?
ReplyDeleteपडोस का असर कुछ तो दोनों देशों में रहेगा ही,,,
ReplyDeleterecent post: मातृभूमि,
बिल्कुल सही कहा आपने, पर संगत का असर भी तो आता ही है ना.:)
ReplyDeleteरामराम.
आपने सही कहा , हमारे भ्रष्ट नेताओं, पाखंडी बाबा , मुल्ला मौलवी और ओवैसी जैसे आतंकवादियों ने देश बेचने का ठेका ले रखा है!
ReplyDeleteक्या बात है... तार मिले हुये हैं...
ReplyDeleteप्रभावशाली ,
ReplyDeleteजारी रहें।
शुभकामना !!!
आर्यावर्त (समृद्ध भारत की आवाज़)
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होड़ मची है,
ReplyDeleteलूट बिना गठजोड़ मची है।
बिल्कुल सच कहा है..
ReplyDeleteab ise chor chor ...bhai kahen ya sobhat ka asar ya..kuchh aur..lekin asr to hai..
ReplyDeleteसटीक ....
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