Thursday, January 17, 2013

अनोखी समरूपता !




हिन्द-पाक को  लाख 
अलग दिखलाने की कोशिश कर लो,
किंतु  ये  देखिये  कि 
कितनी समरूपता है बीच दोनों के। 
गर फ़र्क ढूंढना भी चाहो 
तो तुम्हें बस इतना सा मिलेगा कि 
उनका "राजा" बिजली के तार खा गया,
और अपना  'ए.  राजा ' टेलीफोनो के।।  

  




10 comments:

  1. यह पहली टिप्पणी भी खुद ही देना चाहूंगा कि भगवन का शुक्र मनाइये कि वो तो भारतीय सेना, फील्डमार्शल मानेकशा और उस जमाने के कुछ गिने -चुने ब्यूरोक्रेट्स थे जिन्होंने इस देश के संघटनात्मक ढाँचे में पाकिस्तान की तरह सैनिक दखलंदाजी की गुंजाइश नही छोडी, वरना तो आज के हमारे इन भ्रष्ट नेताओं ने इसे भी दूसरा पाकिस्तान बनाने में कोई कसर बाकी रख छोडी थी ?

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  2. पडोस का असर कुछ तो दोनों देशों में रहेगा ही,,,

    recent post: मातृभूमि,

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  3. बिल्कुल सही कहा आपने, पर संगत का असर भी तो आता ही है ना.:)

    रामराम.

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  4. आपने सही कहा , हमारे भ्रष्ट नेताओं, पाखंडी बाबा , मुल्ला मौलवी और ओवैसी जैसे आतंकवादियों ने देश बेचने का ठेका ले रखा है!

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  5. क्या बात है... तार मिले हुये हैं...

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  6. प्रभावशाली ,
    जारी रहें।

    शुभकामना !!!

    आर्यावर्त (समृद्ध भारत की आवाज़)
    आर्यावर्त में समाचार और आलेख प्रकाशन के लिए सीधे संपादक को editor.aaryaavart@gmail.com पर मेल करें।

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  7. होड़ मची है,
    लूट बिना गठजोड़ मची है।

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  8. बिल्कुल सच कहा है..

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  9. ab ise chor chor ...bhai kahen ya sobhat ka asar ya..kuchh aur..lekin asr to hai..

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प्रश्न -चिन्ह ?

  पता नहीं , कब-कहां गुम हो  गया  जिंदगी का फ़लसफ़ा, न तो हम बावफ़ा ही बन पाए  और ना ही बेवफ़ा।