...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
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संशय!
इतना तो न बहक पप्पू , बहरे ख़फ़ीफ़ की बहर बनकर, ४ जून कहीं बरपा न दें तुझपे, नादानियां तेरी, कहर बनकर।
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पहाड़ों की खुशनुमा, घुमावदार सडक किनारे, ख्वाब,ख्वाहिश व लग्न का मसाला मिलाकर, 'तमन्ना' राजमिस्त्री व 'मुस्कान' मजदूरों...
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स्कूटर और उनकी पत्नी स्कूटी शहर के उत्तरी हिस्से में सरकारी आवास संस्था द्वारा निम्न आय वर्ग के लोगो के लिए ख़ासतौर पर निर्म...
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आज तडके, दूर गगन में, एक अरसे के बाद, फुरसत से, सूरज अपनी महबूबा, चाँद से मिला, और कुछ पलों तक दोनों एक दूसरे को निहारते रहे, जी...
जबरदस्त प्रहार किया है आपने !!
ReplyDeleteप्रभावशाली ,
ReplyDeleteजारी रहें।
शुभकामना !!!
आर्यावर्त (समृद्ध भारत की आवाज़)
आर्यावर्त में समाचार और आलेख प्रकाशन के लिए सीधे संपादक को editor.aaryaavart@gmail.com पर मेल करें।
और ऊपर से गुण ये कि बंदर एकदम पालतू भी है जी
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति |
ReplyDeleteबढ़िया विषय |
शुभकामनायें ||
तीनो गुण एक ही व्यक्ति में,,,कमाल का व्यंग,,,,
ReplyDeleterecent post : जन-जन का सहयोग चाहिए...
बंदर जी की एक खासियत और भी है कि ये एक ही खानदान के परम पालतू भी हैं. बहुत सटीक.
ReplyDeleteरामराम
पाजी सानू नज़र नि आरेया ...
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