...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
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उत्तराखंड सरकार जी ! थोड़ा स्थानीय लोगों की भी सुन लो ।
चारधाम कपाट खुलते ही उत्तराखण्ड मे एक तरफ जहां श्रद्धालुओं का अपार हुजूम उमड पडा है,वहीं दूसरी तरफ उस का नतीजा यह है कि चारों धामों और आसपास...

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' दीपोत्सव" मुल्क़ मे हाकिमों के हुक्मों की गहमा़गहमी़ है। 'दीया' खामोश है और रोशनी सहमी़-सहमी़ है। डर है, दम घुटकर न मर जाए...
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जहां, छप्पन इंच के सीने वाला भी यू-टर्न ले लेता है, वहां, 'मार्क माय वर्ड्स' कहने वाला पप्पू, भविष्यवेता है।
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नहीं मालूम कि महाकवि स्वर्गीय द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी जी, जिनकी आगामी १ दिसंबर को पुण्य-तिथि है, ने किन परिस्थितियों के मध्य नजर अपनी बाल-...
बेहद सटीक... :)
ReplyDeleteबहुत सुंदर उम्दा अभिव्यक्ति ,,,
ReplyDeleterecent post: मातृभूमि,
वाह .. क्या बात है ...
ReplyDeleteछापा मारने की दिल उनका चोरी हो गया ...
चोरी गयी चीज मिली या नहीं..
ReplyDeleteक्षमा सहित -
ReplyDeleteइत्तिफाक से मिल गयी, नंगा झोरी होय ।
फोटो-कॉपी से मिला, यो ही छोरी होय ।
यो ही छोरी होय, रखे दिल-बड़ी तिजोरी ।
रही रोज अब धोय, पुलिस ने पकड़ी चोरी ।
यह अंधड़ घनघोर, झरे अब अश्रु आँख से ।
बसी कहाँ प्रियतमा, डरूं इस इत्तिफाक से ।।
@भारतीय नागरिक - Indian Citizen:
ReplyDeleteतलाश जारी है............ :)
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति का लिंक लिंक-लिक्खाड़ पर है ।।
ReplyDeleteनमस्ते जी
ReplyDeleteयथार्थ की अभिब्यक्ति बहुत ही अच्छी सटीक कबिता ने बयां किया है,
वाह, दिल आया भी तो किस पर।
ReplyDeleteवाह...क्या बात है
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