...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
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प्रश्न -चिन्ह ?
पता नहीं , कब-कहां गुम हो गया जिंदगी का फ़लसफ़ा, न तो हम बावफ़ा ही बन पाए और ना ही बेवफ़ा।
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स्कूटर और उनकी पत्नी स्कूटी शहर के उत्तरी हिस्से में सरकारी आवास संस्था द्वारा निम्न आय वर्ग के लोगो के लिए ख़ासतौर पर निर्म...
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पहाड़ों की खुशनुमा, घुमावदार सडक किनारे, ख्वाब,ख्वाहिश व लग्न का मसाला मिलाकर, 'तमन्ना' राजमिस्त्री व 'मुस्कान' मजदूरों...
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शहर में किराए का घर खोजता दर-ब-दर इंसान हैं और उधर, बीच 'अंचल' की खुबसूरतियों में कतार से, हवेलियां वीरान हैं। 'बेचारे' क...
टली वापसी सिरों की, पाक-जियारत पूर ।
ReplyDeleteमछुवारों के मौत का, अभी फैसला दूर ।
अभी फैसला दूर, मिली नहिं चॉपर फ़ाइल ।
कातिल गए स्वदेश, फंसा इक और मिसाइल ।
भेजे सुप्रिम-कोर्ट, देखिये बढ़ी बेबसी ।
कातिल नातेदार, नहीं देगा अब इटली ॥
टिली-लिली टिल्ला टिका, टिल्ले बड़ा नवीस ।
ReplyDeleteइटली के व्यवहार पर, फिर से निकली खीस ।
टिली-लिली = अंगूठा दिखाना
टिल्ला= धक्का
टिल्ले-नवीस = बहाने बाजी
सहन न करें, वहन करें।
ReplyDeleteयह सलाह बिल्कुल नेक है.
ReplyDeleteरामराम.
यह रिश्तेदारी तो भारी पड़ती जा रही है !!
ReplyDeleteआपकी इस उत्कृष्ट पोस्ट की चर्चा बुधवार (13-03-13) के चर्चा मंच पर भी है | जरूर पधारें |
ReplyDeleteसूचनार्थ |
सादर जन सधारण सुचना
ReplyDeleteसाहित्य के नाम की लड़ाई (क्या आप हमारे साथ हैं )साहित्य के नाम की लड़ाई (क्या आप हमारे साथ हैं )
ReplyDeleteसादर जन सधारण सुचना आपके सहयोग की जरुरत
साहित्य के नाम की लड़ाई (क्या आप हमारे साथ हैं )साहित्य के नाम की लड़ाई (क्या आप हमारे साथ हैं )
नेक सलाह !
ReplyDeleteGyan Darpan
sachhi baat
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