Monday, March 18, 2013

कार्टून कुछ बोलता है- रंगभेद !


7 comments:

  1. नाती-पोता नेहरू, कर्ता धर्ता *शेख |
    अब्दुल्ला के ब्याह में, दीवाना ले देख |

    दीवाना ले देख, मरे कश्मीरी पंडित |
    निर्बल बिन हथियार, जवानो के सिर खंडित |

    डंडे से गर मोह, संघ को भेजो पाती |
    वह *मोहन तैयार, करो रविकर तैनाती ||
    *भागवत

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  2. आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति मंगलवारीय चर्चा मंच पर ।।

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  3. बिल्कुल सटीक व्यंग है.

    रामराम.

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  4. सटीक कटाक्ष किया है !!

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  5. ऐसा हो जाये तो फिर बात ही क्या है.

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  6. बहुत ही सटीक व्यंग,आभार.

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वक्त की परछाइयां !

उस हवेली में भी कभी, वाशिंदों की दमक हुआ करती थी, हर शय मुसाफ़िर वहां,हर चीज की चमक हुआ करती थी, अतिथि,आगंतुक,अभ्यागत, हर जमवाडे का क्या कहन...