...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
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सहज-अनुभूति!
निमंत्रण पर अवश्य आओगे, दिल ने कहीं पाला ये ख्वाब था, वंशानुगत न आए तो क्या हुआ, चिर-परिचितों का सैलाब था। है निन्यानबे के फेर मे चेतना, कि...
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पहाड़ों की खुशनुमा, घुमावदार सडक किनारे, ख्वाब,ख्वाहिश व लग्न का मसाला मिलाकर, 'तमन्ना' राजमिस्त्री व 'मुस्कान' मजदूरों...
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स्कूटर और उनकी पत्नी स्कूटी शहर के उत्तरी हिस्से में सरकारी आवास संस्था द्वारा निम्न आय वर्ग के लोगो के लिए ख़ासतौर पर निर्म...
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आज तडके, दूर गगन में, एक अरसे के बाद, फुरसत से, सूरज अपनी महबूबा, चाँद से मिला, और कुछ पलों तक दोनों एक दूसरे को निहारते रहे, जी...
बहुत बढ़िया!
ReplyDeleteकल के चर्चा मंच पर भी इसे ले लिया है!
आदत से मजबूर..
ReplyDeleteबढ़िया, साधुवाद !!
ReplyDelete2014 की तैयारी कर रहे हैं ऐसा कहने वाले, क्योंकि आगे चलकर इससे भी बडी ऐतिहासिक 'जीत' होने वाली है ना
ReplyDeleteHabits get married after 20 years of age. Poor chap is shouting under 'conditioned-reflex'.
ReplyDeletehahahaha
ReplyDeleteखुश रहने को ग़ालिब ख्याल अच्छा है ...
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