Friday, February 12, 2010

एक छोटा सा ख़त भोलेनाथ के नाम !


सर्वप्रथम सभी शिव भक्तो  को मेरी तरफ से महाशिवरात्री पर्व की बधाई और ढेरो शुभकामनाये !
आज इस पावन अवसर पर एक छोटा सा ख़त भोलेनाथ के नाम ;हे भोलेनाथ !
अब इतने  भी भोले मत बनो,
कृपया मेरी बात गौर से सुनो,
मैंने अपने पूर्वजो से सूना था,
 आपके पास तीसरी आँख भी है,
और अपने इस देश पर आपकी  

हमेशा रहती तांक-झाँक भी है !
अपनी तो पैदाइसी बुद्धि  मंद है,
तीसरी की छोडो, अपुन को लगता है
आपकी तो दो आँखे भी बंद हैं  !
इस देश की यह हालत न होती,
अगर सचमुच ऐसी बात न होती,
चारो तरफ मचा हां-हाकार न होता,
शठों को मिली ऐसी सौगात न होती !
अगर  सच में तीसरी आँख रखते हो,
तो कृपा करके अब उसे खोल दो,
"बम' बोलने का अब ज़माना गया,
शब्दों को नहीं, क्रिया को मोल दो !
आपका एक भक्त - 'परचेत' !

No comments:

Post a Comment

वक्त की परछाइयां !

उस हवेली में भी कभी, वाशिंदों की दमक हुआ करती थी, हर शय मुसाफ़िर वहां,हर चीज की चमक हुआ करती थी, अतिथि,आगंतुक,अभ्यागत, हर जमवाडे का क्या कहन...