सर्वप्रथम सभी शिव भक्तो को मेरी तरफ से महाशिवरात्री पर्व की बधाई और ढेरो शुभकामनाये !
आज इस पावन अवसर पर एक छोटा सा ख़त भोलेनाथ के नाम ;हे भोलेनाथ !
अब इतने भी भोले मत बनो,
कृपया मेरी बात गौर से सुनो,
मैंने अपने पूर्वजो से सूना था,
आपके पास तीसरी आँख भी है,
और अपने इस देश पर आपकी
हमेशा रहती तांक-झाँक भी है !
अपनी तो पैदाइसी बुद्धि मंद है,
तीसरी की छोडो, अपुन को लगता है
आपकी तो दो आँखे भी बंद हैं !
इस देश की यह हालत न होती,
अगर सचमुच ऐसी बात न होती,
चारो तरफ मचा हां-हाकार न होता,
शठों को मिली ऐसी सौगात न होती !
अगर सच में तीसरी आँख रखते हो,
तो कृपा करके अब उसे खोल दो,
"बम' बोलने का अब ज़माना गया,
शब्दों को नहीं, क्रिया को मोल दो !
आपका एक भक्त - 'परचेत' !
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