Friday, March 5, 2010

आज आओ आपको दिखाए 'कायरों' की कायरता और गिरी हरकतों की हद !

आप से अनुरोध करूंगा कि पूरी बात समझने के लिए कृपया लेख में दिए गए सभी लिंकों पर किलिक अवश्य कीजिये !
आदि काल में राक्षसों के बारे में आपने बहुत से किस्से कहानियों में बहुत सी बाते सुनी-पढी होंगी, कि कैसे दानव भेष बदलकर मानवो को छलते थे, इत्यादि-इत्यादि ! फिर कभी आपको यह नही लगता कि अचानक ये राक्षस कहाँ गायब हो गए ? तो आज मैं वही आपको बताने जा रहा हूँ कि वे राक्षस कहीं नहीं गायब हुए, हमारे ही बीच मौजूद है और समय-समय पर अपने कृत्यों से नीचता की हदे पार करते रहते है ! और इस सबके बावजूद जो लोग उन्हें आइना दिखाने की कोशिश करते हैं ,उन्हें कुछ तथाकथित बुद्दिजीवी तुच्छ और गलीच मानसिकता का बताते है!

और गौर करने वाली बात यह भी है कि हम कहते है ये अनपढ़ है इसलिए ऐसी हरकते करते है , लेकिन ये तो अपने को तथाकथित शिक्षित भी बताते है !

यों तो ऐसे दो कौड़ी के टटपुंजो को मैं ज्यादा घास नहीं डालता, और न ही हमें डालनी ही चाहिए, मगर लोगो को इस बारे में जागरूक करना भी नितांत आवश्यक है! तो देखिये इधर, इनकी नीचता का एक छोटा सा नमूना , एक राहुल नाम का शख्स हिन्दू धर्म के बारे में अनाप-सनाप इस ब्लॉग पर लिखता था ! जिसके बारे में जानकारी श्री सुरेश चिपलूनकर के एक लेख क्या शाहरुख खान का कोई....... पर उसके द्वारा की गई टिपण्णी से उजागर हुई थी !

"rahul said...
सांप निकल गया अब लकीर पीटने से क्‍या, खान तो घर इस लिये आया कि हिसाब लगा सके किसको किया देकर क्‍या बचा?

मिडिया बारे में गलत लिख रहे हो वे ठीक काम कर रहे हैं, ठण्‍ड में 4 या 5 हजार पहुंच जायें तो 10 लाख ने कुम्‍भ में भाग लिया खबर बन तो रही है

18 February 2010 1:18 PM "

और आज इस राहुल नाम के शख्स ने जनतंत्र पर अपना नाम बदलकर नत्थू गोदियाल रख दिया !
"नत्‍थू गोदियाल says:
March 5, 2010 at 11:44 am
@गोदियाल मामा, उन्‍होंने पढ लिया, विश्‍वास न हो तो नीचे दिये लिंक पर 25वें कमेंटस में पढ लो
^^आत्महत्या करने में हिन्दू युवा अव्वल क्यों^^
http://vedquran.blogspot.com/2010/03/under-shadow-of-death.html"

इसके दिए हुए लिंकhttp://vedquran.blogspot.com/2010/03/under-shadow-of-death.html को खोलिए असलियत पता चल जायेगी !

तो यह है इन कायरों की असलियत और उच्च सोच का नमूना , और अपने को खुदा के बन्दे बताते है, (माय फूट !!) खुदा को भी बदनाम कर रहे है !!

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प्रश्न -चिन्ह ?

  पता नहीं , कब-कहां गुम हो  गया  जिंदगी का फ़लसफ़ा, न तो हम बावफ़ा ही बन पाए  और ना ही बेवफ़ा।