Tuesday, March 23, 2010

शहीदों के प्रति भी इनकी मानसिकता में खोट है !


पिछले दो घंटे से भेल्ला बैठा था, सोचा क्यों ना एक यात्रा आज उन ब्लोगों की कर लूं, जिन्होंने हमारे इन अमर शहीदों के बारे में आज इस शहीद दिवस के सुअवसर पर लिखा है! अब आप कहोगे कि यहाँ भी तुम्हे साम्प्रदायिकता नजर आ रही है , लेकिन क्या करू , मुझे कडवे सच झुठलाने की आदत भी नहीं है! आपको विस्वास न हो तो आप खुद ही सत्यता का परिक्षण कर सकते है, सांच को आंच क्या ? आप देख सकते है ये ख़ास विरादरी के कुछ महान विद्वान् , ज्ञांता यहाँ सुबह से कुछ चुनिन्दा, इनके मन पसंद ब्लोग्स पर, दिन भर कूडा-करकट फेंकने में व्यस्त है! बटला हाउस एनकाउन्टर में मारे गए आतंकियों के पोस्ट्मोरटम में व्यस्त है, लेकिन इस ख़ास गुट के किसी एक भी माई के लाल ने अब तक एक टिपण्णी उन ब्लोगों पर जाकर अपने उन शहीदों को श्रधान्जली के तौर पर नहीं की ! तो यह क्या दर्शाता है, आप खुद अंदाजा लगा सकते है ?

12 comments:

  1. बडी दूर की कौडी लाये हैं……………।एक दम सटीक बात्।

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  2. भई शहीदों के प्रति हमारे मन में कोई खोट नहीं है। अमर शहीदों को शत-शत नमन।

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  3. जिसके दामन में जो होगा वही तो फेकेगा

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  5. जिस के पास जो होगा वो ही दुसरो को देगा, इन के पास जो है वोही बांट रहे है जी.... इन की तरफ़ झांकना भी नही चाहता मै तो

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  6. जहाँ लोग राष्ट्र कि कीमत नहीं समझते थे वहां राष्ट्रभक्त आगे बढ़कर शहीद हुए हैं. यही हमारी विरासत है.

    अनपढ़ बदमाश मूर्ख में भी राष्ट्रभक्ति का जज्बा आ जाता है जब वे शहीदों के प्रति सम्मान से खड़े होते हैं.

    और क्या बोलूं..

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  8. सबके अपने-अपने शहीद होते हैं। उसी के अनुसार वे श्रद्धांजलि देते है। भारत के उस प्रत्‍येक शह‍ीद को नमन जिसने भारत माता की सेवा में प्राणों की आहुति दी।

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  10. शहीदों को शत् शत् नमन

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  11. सुन्दर भावों से सजी हुई पोस्ट!

    राम-नवमी की हार्दिक शुभकामनाएँ!

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प्रश्न -चिन्ह ?

  पता नहीं , कब-कहां गुम हो  गया  जिंदगी का फ़लसफ़ा, न तो हम बावफ़ा ही बन पाए  और ना ही बेवफ़ा।