...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
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प्रश्न -चिन्ह ?
पता नहीं , कब-कहां गुम हो गया जिंदगी का फ़लसफ़ा, न तो हम बावफ़ा ही बन पाए और ना ही बेवफ़ा।
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स्कूटर और उनकी पत्नी स्कूटी शहर के उत्तरी हिस्से में सरकारी आवास संस्था द्वारा निम्न आय वर्ग के लोगो के लिए ख़ासतौर पर निर्म...
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अगस्त २००८ के आस-पास मैंने ब्लॉग-जगत में कदम रखा था! तबसे ब्लोगर मित्रों और सम्माननीय पाठकों की प्रेरणा पाकर मैंने एक लघु उपन्यास, ४१ कहानिय...
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पिछले कुछ दिनों से ब्लॉग जगत पर एक ख़ास बात के ऊपर नजर गडाए था ! देखना चाहता था कि अक्सर किसी एक ख़ास मुद्दे पर एक साथ लेखों की बाढ़ निकाल द...
नेकी और पूछ-पूछ!
ReplyDeleteआपने याद दिलाया , तो हमें याद आया ---
ReplyDeleteयाद दिलाने के लिए शुक्रिया भाई जी ! सायं ८:३० से ९:३० तक बिजली बंद करके इस अछे कार्य में कुछ योगदान करते हैं ! बहुत अच्छा प्रयत्न है !
ReplyDeleteहा हा हा तीखा व्यंग
ReplyDeleteअर्थ हावर ..
ReplyDeleteये क्या है?
एक बीच रास्ते खड़ी गाड़ी को धक्का मारकर आया हूँ, कहीं उन्होंने आपका ब्लॉग तो नहीं पढ़ लिया था।
ReplyDeleteएक घंटे गाड़ी न चलायेंगे तो कुछ बिगड़ेगा नहीं. :)
ReplyDeleteअजी एक घंटा?... अजी इंजन बन्द कर के किसी अच्छे से होटल मै खाना खाये
ReplyDeleteमैं तो हेडलाईट बन्द कर देता हूं अक्सर और बिजली बचा लेता हूं.
ReplyDeleteबिजली बचाने के लिये अच्छा प्रयास , किंतु कुछ सवाल -
ReplyDelete१-तमाम समारोहों में सजावट के नाम पर
२-आई पी एल के रात्रिकालीन मैच में
३-बड़े बड़े होट्लों और आलीशान दफ़्तरों में
बिजली का कितना दुरुपयोग होता है , इसे रोकें तो अर्थ आवर की आवश्यकता नही होगी ।
अजय जी ने काफी कुछ कह दिया है.........
ReplyDeleteकुंवर जी,