...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
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नोट: फिलहाल टिप्पणी सुविधा मौजूद है! मुझे किसी धर्म विशेष पर उंगली उठाने का शौक तो नहीं था, मगर क्या करे, इन्होने उकसा दिया और मजबूर कर द...
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स्कूटर और उनकी पत्नी स्कूटी शहर के उत्तरी हिस्से में सरकारी आवास संस्था द्वारा निम्न आय वर्ग के लोगो के लिए ख़ासतौर पर निर्म...
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हाथ जोड़कर पहले कहे देता हूँ, ज्यादा नहीं लिखूंगा, क्योंकि इन जड़-बुद्धि स्वदेशियों की समझ में ख़ास कुछ नहीं घुसने वाला ! मगर क्या करू कहना, ...
सारा गुस्सा गधा ही तो झेलता है ..बहुत खूब ...
ReplyDeleteगधा है न !...खानदानी रवायत निभा रहा होगा !
ReplyDeleteवाह !!
ReplyDeleteसबको गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभेच्छा !!
बेचारा क्या करे -गधा ठहरा !
ReplyDeleteसच है, हर बार का यही रोना है।
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