इसमे कोई सन्देह नही कि आज दुनिया भर मे छाई इस मंदी और मंहगाई ने सारे ही अर्थशास्त्र की परिभाषाओं को उलट-फेर कर रख दिया है । अर्थशास्त्रीयों द्वारा दी गई परिभाषाओं के मुताविक आर्थिक मंदी के दौर मे लोगो की क्रय करने की क्षमता कमजोर पड्ती है , जिससे उचित ग्राहक न मिलने की वजह से वस्तुऒ और सेवाऒ के दामों मे गिरावट आती है। लेकिन आज हकीकत मे तो स्थित ठीक इसके विपरीत दीखती है, आर्थिक मंदी भी है और मह्गाई भी, यानि सब उलटा-पुल्टा। जहां एक ओर इसके लिये तेजी से बढती जनसंख्या और लोगो के जीवन स्तर मे सुधार को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, वही दूसरी ओर इसका एक प्रमुख कारण है, जमाखोरी और असंगत और अनुचित वितरण प्रणाली। मगर इन सबसे ऊपर है सरकारों का गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार, और इसे रोकने के लिये इच्छा शक्ति का अभाव ! दिखावे के लिये भले ही हमारी सरकार, महंगाई के सम्बंध मे घडियाली आंसू बहा रही हो, लेकिन हकीकत यह है कि सरकार इस सम्बंध मे कतई गम्भीर नही ! इसे एक उदाहरण से इस तरह समझा जा सकता है कि अन्य सालों के मुकाबले इस साल भी टमाटर के उत्पादन मे कोई उल्लेख्नीय गिरावट नही आई, बावजूद इसके पिछले सालों के मुकाबले इस साल टमाटर के दामों मे छह गुना से अधिक की बढोतरी हुई है, आपको शायद याद हो कि गत वर्षो मे इस नवम्बर-दिसम्बर के सीजन मे टमाटर पांच और दस रुपये प्रति कीलो की दर पर बिकता था, जबकि आज यह तीस से साठ रुपये प्रति कीलो की दर पर मिल रहा है! इसके पीछे सरकार की एक मंशा यह भी हो सकती है कि वर्तमान ग्लोबल स्थिति की आड मे लोगो को इस मह्गाई मे ही उलझाकर रखा जाये, ताकि ज्वलन्त मुद्दो से जनता का ध्यान हटाया रखा जा सके !
ग्राह्कों को चूना लगाती सरकारी फोन कम्पनियां !
बडे-बडे दावे, ग्राहकों को लुभाने के बडे-बडे वादे । पचास पैसे मे लोकल कौल,एक रुपये से डेड रुपये प्रति मिनट मे एस टी डी कौल, मगर सच्चाई क्या है, आइये आज हुए एक तजुर्बे से बताता हूं ! य़ों तो इन छोटी-छोटी बातों पर गौर फरमाने का वक्त ही नहीं मिलता, मगर जब गौर फरमाया तो लगा कि स्थिति भयावह है, हर कोई यहां लूट-खसौट मे व्यस्त है, क्या सरकारी क्या निजी। मेरे पास घर पर तीन मोबाईल फोन है, जिनमे से दो एयरटेल के सिम से सुसज्जित है, जबकि एक मे एम टी एन एल का कनेक्शन है ! मेरा एक नजदीकी रविवार सुबह ठीक ग्यारह बजे मुझे चण्डीगढ से फोन करता है, लेकिन दूसरे फोन पर व्यस्त होने के कारण मैं उसे उठा नही पाता ! दूसरे फोन पर बातचीत खत्म होने के बाद जैसे ही मै देखता हूं कि उस फोन पर चण्डीगढ से फोन था, मैं एम टी एन एल वाले मोबाईल फोन से उसे चन्डीगढ फोन मिलाता हूं ! उसके मोबाइल पर बेल जाने का इन्तजार कर ही रहा था कि उसी का मेरे दूसरे एयरटेल वाले मोबाईल पर फिर से फोन आ गया। मैने एम टी एन एल के फोन को डिसकनैक्ट किया और एयरटेल वाले फोन पर उससे बाते की ! कुछ देर बाद जब बात खत्म हुई और मैने फोन डिसकनैक्ट किया और मेरी नजर दूसरे हाथ मे पकडे एम टी एन एल वाले फोने के स्क्रीन पर पडी तो मै दंग रह गया, उसमे आये उस मैसेज को देखकर, जिसमे लिखा था कि आपके प्रीपेड बैलेंस मे से फोन कौल के तीन रुपये काटे गये है। मैने एम टी एन एल वाले फोने से वही नम्बर तो मिलाया था जिस नम्बर से उस नजदीकी रिश्तेदार ने खुद मेरे दूसरे मोबाइल पर फोने किया था, फिर तीन रुपये किस बात के ? इस बाबत कस्ट्मर केयर मे फोन मिलाने की कोशिश की, मगर सब नदारद ! बस यही कह सकता हूं कि जागो ग्राहक, जागो !!

ग्राह्कों को चूना लगाती सरकारी फोन कम्पनियां !
बडे-बडे दावे, ग्राहकों को लुभाने के बडे-बडे वादे । पचास पैसे मे लोकल कौल,एक रुपये से डेड रुपये प्रति मिनट मे एस टी डी कौल, मगर सच्चाई क्या है, आइये आज हुए एक तजुर्बे से बताता हूं ! य़ों तो इन छोटी-छोटी बातों पर गौर फरमाने का वक्त ही नहीं मिलता, मगर जब गौर फरमाया तो लगा कि स्थिति भयावह है, हर कोई यहां लूट-खसौट मे व्यस्त है, क्या सरकारी क्या निजी। मेरे पास घर पर तीन मोबाईल फोन है, जिनमे से दो एयरटेल के सिम से सुसज्जित है, जबकि एक मे एम टी एन एल का कनेक्शन है ! मेरा एक नजदीकी रविवार सुबह ठीक ग्यारह बजे मुझे चण्डीगढ से फोन करता है, लेकिन दूसरे फोन पर व्यस्त होने के कारण मैं उसे उठा नही पाता ! दूसरे फोन पर बातचीत खत्म होने के बाद जैसे ही मै देखता हूं कि उस फोन पर चण्डीगढ से फोन था, मैं एम टी एन एल वाले मोबाईल फोन से उसे चन्डीगढ फोन मिलाता हूं ! उसके मोबाइल पर बेल जाने का इन्तजार कर ही रहा था कि उसी का मेरे दूसरे एयरटेल वाले मोबाईल पर फिर से फोन आ गया। मैने एम टी एन एल के फोन को डिसकनैक्ट किया और एयरटेल वाले फोन पर उससे बाते की ! कुछ देर बाद जब बात खत्म हुई और मैने फोन डिसकनैक्ट किया और मेरी नजर दूसरे हाथ मे पकडे एम टी एन एल वाले फोने के स्क्रीन पर पडी तो मै दंग रह गया, उसमे आये उस मैसेज को देखकर, जिसमे लिखा था कि आपके प्रीपेड बैलेंस मे से फोन कौल के तीन रुपये काटे गये है। मैने एम टी एन एल वाले फोने से वही नम्बर तो मिलाया था जिस नम्बर से उस नजदीकी रिश्तेदार ने खुद मेरे दूसरे मोबाइल पर फोने किया था, फिर तीन रुपये किस बात के ? इस बाबत कस्ट्मर केयर मे फोन मिलाने की कोशिश की, मगर सब नदारद ! बस यही कह सकता हूं कि जागो ग्राहक, जागो !!
सही बात तो यह है कि आज व्यापार लूट का पर्याय बन चुका है व्यापारी लुटेरे बन चुके हैं और सरकारें इन लुटेरों के सहयोगी।
ReplyDeleteभईया मुझे तो लगता है कि सरकार से बडा चोर कोई हो ही नही सकता।
ReplyDeleteआज मध्यम वर्ग भी उच्च और निम्न दो भागों मे बंट चुका है, अब मरण भी इस निम्न मध्यम वर्ग का ही है। इसका कोई मां बाप नही है। मंहगाई बढाकर ये अपनी जेबें ही भर रहे हैं, आपका कहना सही है। आभार
ReplyDeleteसही विश्लेषण,और कोई पार्टी इसे मुद्दा नही बना रही है क्यों की जिसे फायदा हो रहा है उन्हीं से चंदा लेना है
ReplyDeleteजागरूकता के साथ साथ उचित क़ानून का ना होना कुछ हद तक इसके लिए ज़िम्मेवार है ...... जहाँ तक टमाटर की बात है .... सरकार नाम की कोई चीज़ हो तो वो समझे भी .... वो तो बस अपनी गद्दी संभालने में लगे रहते हैं ..... देश और महंगाई की किसी को चिंता नही .....
ReplyDeleteदरअसल, हमें अनिश्चित चीजों की आदत डाल लेनी चाहिए ताकि कुछ भी अनिश्चित घटने पर यूं रोना-पछताना न पड़े।
ReplyDeleteगोदियाल जी.... राम .... राम....
ReplyDeleteआपने बिलकुल सही विश्लेषण किया है..... यह महंगाई वगैरह सब प्रायोजित है...... ऐसे ही मेरा मोबाइल बिल इन लोगों ने बिना मतलब में ७००० का भेज दिया था...... और बाद में कहते हैं कि settle कर लो......और जब settle किया तो १२०० पे settle हुआ....
सच्चाई है कि हम के कारण अनगिनत संकटों में घिर गये हैं। अच्छी रचना। बधाई।
ReplyDeleteसच्चाई है कि हम मंहगाई के कारण अनगिनत संकटों में घिर गये हैं। अच्छी रचना। बधाई।
ReplyDeleteकिसी ने प्रायोजित की हो या न, पर जनता तो उसकी मार सह ही रही है ।
ReplyDeleteबिल्कुल सही कहा आपने. पर छुटकारे का कोई उपाय नही दिखता.
ReplyDeleteरामराम.
सब के सब व्यापारी हो गये है.
ReplyDeleteखरी खरी बात कही है लिखी है...सच्ची सच्ची...बातें...
ReplyDeleteनीरज
मुझे नहीं लगता कि बाजार की ताकतों पर अब सरकार का कोई बस रह गया है...जब तक वायदा बाजार पर लगाम नहीं लगेगी..यह मंहगाई और तिस पर से भी गरीब से दर गरीब होते जा रहे किसानों का कोई इलाज नहीं हो पायेगा.
ReplyDeleteMBBS in Philippines Wisdom Overseas is authorized India's Exclusive Partner of Southwestern University PHINMA, the Philippines established its strong trust in the minds of all the Indian medical aspirants and their parents. Under the excellent leadership of the founder Director Mr. Thummala Ravikanth, Wisdom meritoriously won the hearts of thousands of future doctors and was praised as the “Top Medical Career Growth Specialists" among Overseas Medical Education Consultants in India.
ReplyDeleteWhy Southwestern University Philippines
5 years of total Duration
3D simulator technological teaching
Experienced and Expert Doctors as faculty
More than 40% of the US returned Doctors
SWU training Hospital within the campus
More than 6000 bedded capacity for Internship
Final year (4th year of MD) compulsory Internship approved by MCI (No need to do an internship in India)
Vital service centers and commercial spaces
Own Hostel accommodations for local and foreign students
Safe, Secure, and lavish environment for vibrant student experience
All sports grounds including Cricket, Volleyball, and others available for students