आप और हम, आज के इस तकनीकी युग मे कमप्युटर और ट्वीटर की दुनियां मे कुछ ज्यादा ही मस्त हो गये है। लेकिन हमारे पीछे साहित्यिक मनोरंजन की एक और दुनिया भी है, सेल फोन पर एस एम एस की दुनियां। आज जैसा कि विदित है, साप्ताहिक छुट्टी का दिन है, अत: फुरसत के इन्ही पलो में मैंने यहाँ झाँकने की कोशिश की! आइये चले, और देखें कि इस दुनियां मे क्या चल रहा है (सुविधा हेतु, कुछ सन्देशो का हिन्दी रूपान्तर भी प्रस्तुत किया है) ;
पहला एस एम एस:
कर दिया इजहारे इश्क हमने मोबाईल पर,
लाख टके की बात, एक रुपये मे हो गई !
दूसरा एस एम एस:
आई लब यू…
आई लब यू …
आई लब यू….
आई लब यू…
यार, गलत मत समझना, डाक्टर लोग कहते है कि पागलों को प्यार से ही हैन्डल करना चाहिये ।
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सरदार जी: अर्ज किया है …….
यशोमती मैया से बोले नन्द लाला…
वाह-वाह…
यशोमती मैया से बोले नन्द लाला…
मां,
टाटा स्काई लगा डाला तो
लाईफ़ झिंगालाला…
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इन्सानी सम्बन्ध एक पेड की तरह होते है,
जो शुरुआत मे देख भाल मांगते है , लेकिन अगर एक बार सम्रद्ध हो गये तो फिर जिन्दगी भर आपको छांव देते है , हर सुख-दुख में !
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जब बारिश होती है तो सारे पक्षी कहीं शरण ढूढते है, सिवाए चील के, जो बारिश से बचने के लिये बाद्ळों से ऊपर चला जाता है । समस्यायें हर एक के साथ समान होती है, मगर एक नजरिया ही है, जो औरों से भिन्न होता है।
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कागज की कश्ती थी, पानी का किनारा था,
खेलने की मस्ती थी, दिल ये आवरा था ,
कहां आ गये इस समझदारी के दल-दल मे ,
वो नादां बचपन ही कितना प्यारा था !
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समस्या, उम्मीदों और वास्तविक्ताओं के बीच की दूरी है, इसलिये या तो कम की उम्मीद करो और वास्तविक्ता को स्वीकारो, या फिर..ढेरो उम्मीदे रखो और उसे वास्तविक्ता मे बदलो !
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रेस मे जीतने वाला घोडा यह नही जानता कि वह किस लिये दौडा था, वह तो मार पड्ने और दर्द की वजह से दौडा ! इसी तरह जिन्दगी भी एक रेस ही है, जहां भग्वान आपका घुड्सवार है, इसलिये यदि आप किसी दर्द मे है तो ये समझिये कि भग्वान आपको जिताना चाहता है।
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अगर तुम्हें कोई मेरे से अच्छा दोस्त मिले, और तुम उसके साथ जाना चाहो, तो मैं तुम्हे रोकुंगा नही, लेकिन जब वह तुम्हे छोड कर चला जाये, तो पीछे मुड्कर देखना , मैं वहां हुंगा तुम्हे थप्प्ड मारने के लिये, और यह कह्ने के लिये कि मार ली होश्यारी !
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कभी जब तुम मुझे तुम्हे निहारते हुए देख लो तो ये मत सोचना कि मैं तुम्हे इस लिये देख रहा हूं कि तुम सुन्दर लग रही हो, मेरी मा कह्ती है कि शैतानों की पूंछ होती है और मैं तुम्हे निहार यही तलाशने की कोशिश करता रहता हूं कि तुम्हारी पूंछ किधर है ?
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परीक्षा हाल मे फर्रा ले जाये, उसे खुर्चे, अपने नज्दीकी अध्यापक को दिखाये, और प्रिन्सिपल के दफ़्तर तक की फ्री ट्रिफ पाये और फिर घर मे बेहिसाब छुट्टियों का मजा ले !
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रक्षा वन्धन पर एक एस एम एस: लडकियों के हाथ मे कोई लावारिश वस्तु देखें तो वहां से तुरन्त ही भाग जाये क्योंकि यह वस्तु राखी हो सकती है, और आपकी जरा सी लापरवाही आपको भाई बना सकती है !
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दोस्ती किसी गीले सीमेन्ट पर खडे होने जैसा है, जितनी अधिक देर आप ठ्हरोगे आपके पैर जमते जायेंगे, और यदि आप वहां से निकल भी गये तो बिना पैरो के निशां छोडॆ नही जा सकते।
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जब कभी आप यह देखना चाहे कि आप कितने धनवान है तो अपने खजाने को मत गिनिये, सिर्फ़ आख से एक आंसू निकाले और देखे कि कितने हाथ उसे फोजने के लिये उठ्ते है ।
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हर चांद मिले, हर सितारा मिले,
जिन्दगी मे कभी अकेले न रहो आप ,
आपको कोई हम जैसा मिले
कोई हम से भी प्यारा मिले
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देखो जानी ! फ़ायर को आग कह्ते है,
कोबरा को नाग कह्ते है,
गार्डन को बाग कह्ते है ,
और जो तुममे मिसिंग है,
उसको दिमाग कहते है !
और अन्त मे…
नोट: अगर आप सिगरेट नही पीते, अगर आप दारू नही पीते,अगर आप मटरगश्ती नही करते, आप का कोई दोस्त भी नही है, आप जुआ भी नही खेलते, गलत बात भी नही करते
तो कृपया हमारी वेब साईट पर पधारे, वेब साइट का पता है डब्ल्यु डब्ल्यु डब्ल्यु डोट अबे पैदा क्यों हुए थे डौट कौम……!
...............नमस्कार, जय हिंद !....... मेरी कहानियां, कविताएं,कार्टून गजल एवं समसामयिक लेख !
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वाह वाह वाह-गोदियाल जी-आनंद आ गया।
ReplyDeleteये लास्ट वाला यु आर एल ट्राई कर रहा हूँ... खुलता ही नहीं है :)
ReplyDeleteवाह क्या कहने.
ReplyDeleteआदि से अंत तक अनंत
बहुत खूब
वाह एस एम एस की दुनिया खूब समेटी आप ने ..मजा आ गया ॥
ReplyDeleteगोदियाल जी
ReplyDeleteक्या पूरी ही पी एच डी कर डाली एस एम एस पर। सच पूछिए बहुत ही गुदगुदाया इस पोस्ट ने। एक से एक बेहतरीन एस एम एस। किस की चर्चा करूं और किसे छोडूं?
वाह वाह क्या बात है! बहुत बढ़िया लिखा है आपने! बहुत खूब!
ReplyDeleteinmein se kai pahle istemaal kar chuke hain ham!!!
ReplyDeleteye wala pahli baar dikha..
कागज की कश्ती थी, पानी का किनारा था,
खेलने की मस्ती थी, दिल ये आवरा था ,
कहां आ गये इस समझदारी के दल-दल मे ,
वो नादां बचपन ही कितना प्यारा था !
jagjit singh yaad aaye...
bacchon ke nanhe haathon ko,
chand sitare chune do..
char kitabein padhkar wo bhi,
ham jaise ho jayenge...
परीक्षा हाल मे फर्रा ले जाये, उसे खुर्चे, अपने नज्दीकी अध्यापक को दिखाये, और प्रिन्सिपल के दफ़्तर तक की फ्री ट्रिफ पाये और फिर घर मे बेहिसाब छुट्टियों का मजा ले !
nahi ismein to risk factor bahut jyada hai!!!
"यार, गलत मत समझना, डाक्टर लोग कहते है कि पागलों को प्यार से ही हैन्डल करना चाहिये।"
ReplyDeleteबहुत खूब!
सुन्दर कलेक्शन प्रस्तुत किया आपने!
जब कभी आप यह देखना चाहे कि आप कितने धनवान है तो अपने खजाने को मत गिनिये, सिर्फ़ आख से एक आंसू निकाले और देखे कि कितने हाथ उसे फोजने के लिये उठ्ते है ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर जी मजा आ गया, आप क जबाब नही,धन्यवाद
wah! wah! maza aa gaya.......
ReplyDeletewaah.......mazaa aa gaya.
ReplyDeletekhub hasaya hai apne, hasne ke baad main soch me dub gaya ... it's really great writting
ReplyDeletewaah majaa aa gaya Godiyaal saahab ... ek se badh kar ek hain ... sab naye naye ...
ReplyDeleteha ha ha ha ha
ReplyDeleteगोदियाल जी!
ReplyDeleteआप खुश किस्मत हैं।
हा हा, मस्त मजेदार संकलन!!
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